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श्रीनेमिनाथाय नमः।
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सद्बोध रत्नाकर-
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प्रथम रत्न।
प्रद्युम्न-चरित्र ।
- अर्थात्
जगद्विख्यात् यादववंशतिलक महाराज श्रीकृष्णा- चन्द्रजी के श्रेष्ठ पुत्र श्रीप्रद्युम्नकुमार का
संक्षिप्त चरित्र।
लेखक बाबू दयाचन्द्रजी गोयलीय बी. लखन
प्रकाशक श्रीमूलचन्द्र जैन मैनेजर व मालिक-सद्बोधरना
- कर कार्यालय, सागर .
8 प्रथमावृत्ति।
मूल्य २००० ।
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XxcxxxxxxxxxxxxxxxxxxAKASOKRANIKARxxxxxxxxxxxxx _ Printed by U. C. Banerjat the ampooriental-ress. Lucknow.