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________________ (२३३) 1 बंधइ पावं कम्मं सुहेहिँ पुण्णं ण संदेहो ।। ता जाव एस जीवो एयइ वेयइ य फंदए चलए । 3 सत्तठ-छच्चेगविहं बंधइ णो णं अबंधो उ ।। ता तेण कम्मएणं उच्चाणीएसु णवर ठाणेसु । 5 जीवो इमो भमिज्जइ कराहओ कंदुउ व्व समं ।। इंदत्तणं पि पावइ जीवो सो चेय णवर किमियत्तं । णरए दुक्ख-सहस्साइँ पावए सो च्चिय वराओ ।। पुढवि-जल-जलण-मारुय-वणस्सई णेय-भेय-भिण्णेसु । 9 एग-दु-ति-चउरिंदिय-विगलेसु अणेय-रूवेसु ।। अंडय-पोत्तय-जरजा रसाउया चेय होंति संसेया । 11 सम्मुच्छिमा य बहुए उब्भिय-उववाइआ अण्णे ।। सीउण्ह-मीस-जोणिसु जायते के वि तत्थ दुक्खत्ता । 13 संकड-वियडासु पुणो मीसासु य होति अवरे वि ।। पंचेंदियाण पुच्छसि चउरो भेदा उ होंति देवाणं । 15 भवणवइ-वाणमंतर-जोइस-वासी विमाणत्था ।। विज्जु-घण-थणिय-अग्गी-सुवण्ण-तह-दीव-दिसि-कुमारा य । 17 वाऊदधी य णागा दस भेया होंति भवणत्था ।। अह जक्ख-रक्ख-भूया पिसाय तह किंणरा य किंपुरिसा । 19 महउरया गंधव्वा अट्ठ-विहा वंतरा एए ।। चंदा सूरा पढमं गहा य णक्खत्त-तारया अवरे । 21 एए पंच-विह च्चिय जोइस-वासी सुरा होति ।। वेमाणिया य दुविहा कप्पाईया य कप्पमुववण्णा । 2) J एतइ वेतइ अं. 3) JP सत्तट्ठ, P छवेगविहं, J बंधइ अ णोणं अहं होतु ।।. 6) P चेव, P om. णवर. 8) Jणेय भिण्णभिण्णेसु. 9) J विअलेसु. 10) J अण्डपोत्तय, P पोयय, J जरसा, J संसेता. 11) J ओवातिआ. 12) J जोणिय for जोणिसु. 14) J भेता तु होति, P य for उ. 15) J भवणवतिवाणवंतरजोतिसवासी, P भवणवणवाण, P जोविस. 16) J थणितअग्गीआसण्णदीतह, J दिसकुमारा. 17) J वाऊ उदधी णागा, P वाऊदही, Jom. य, J भेता. 18) Jजह for अह, P जक्खारक्खस, J भूता. 19) P महोरगा य गंधव्वा, J एते. 20) P अन्ने for अवरे. 21) JP एते, J विध, J जोतिस. 22) तु for य, J दुविधा कप्पातीता य.
SR No.022708
Book TitleKuvalaymala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages240
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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