SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 96
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (७८) 1 जस्स कए अणुदियह एरिस-दुक्खं कयं पावं ।। तइया भणंति गुरुणो मा एए णिहण संबर-कुरंगे । 3 पडिभणिमो मूढप्पा फल-साग-सरिच्छया एए ।। इय चिंतेति तहिं चिय खण-मेत्तं के वि पत्त-सम्मत्ता । 5 गुरु-दुक्ख-समोच्छइया अवरे एयं ण चाएंति ।। अह ताण तक्खणं चिय उद्धावइ वण-दवो धमधमेंतो । 7 पवणाइद्ध-कुडंगो दहिउँ चिय तं समाढत्तो ।। ___ अह तत्थ डज्झमाणा दूसह-जालोलि-संवलिय-गत्ता । 9 सत्ता वि सउम्मत्ता भमंति णरयम्मि दुक्खत्ता ।। अवि य । सर-कोंत-समागम-भीसणए दुसहाणल-जाल-समाउलए । 11 रुहिरारुण-पूय-वसा-कलिए सययं परिहिंडइ सो णरए ।। इय दुक्ख-परपर-दूसहए खण-मेत्त ण पावइ सइ सुहए । 13 कय-दुक्कय-कम्म-विमोहियया भम रे सुह-वज्जिययं जियया ।। सव्व-त्थोवं कालं दस-वास-सहस्साइँ पढमए णरए । 15 सव्व-बहु तेत्तीस सागर-णामाण सत्तमए ।। एयं च एरिसं भो दिट्ठ वर-णाण-दसण-धरेहिं । 17 तं पि णरणाह अण्णे अलियं एयं पयंपंति ।। (७८) अण्णे भणंति मूढा सग्गो णरओ व्व केण भे दिह्रो । 19 अवरे भणति णरओ वियड्ड-परिकप्पिओ एसो ।। जे च्चिय जाणंति इमं णरयं ते चेय तत्थ वच्चंति । 21 अम्हे ण-याणिमो च्चिय ण वच्चिमो के वि जपति ।। अण्णाणं अण्णाणं ण-याणिमो को वि एस णरओ त्ति । 3) P सायरससिच्छया एते. 4) P चिंतंति. 5) P गुरुदत्तसमोएतेच्छ०, P चायंति. 6) P उव्वावइ. 8) P माणो, P संपलित्तंगा. 9) P निरयंमि. 10) J हीसणए P भीसणाए. 11) J पूअसमा P पूइवसा. 12) P पाविय. 13) P भमिरे, P वज्जिय जं०. 14) P त्थोयं, P सहस्साई मं. 16) J एरिसो, P दिठिं. 17) P नारनाह, P एयं ति जपंति. 19) J वियढपरियप्पिओ. 20) P वुच्चंते.
SR No.022707
Book TitleKuvalaymala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy