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________________ २०५ 1 णिय-कर-रज्जु-णिबद्धो सूरो कुडओ व्व ओयरिओ ।। अह मउलिय-प्पयावो तम-पडलंतरिय-किरण-दिछिल्लो । 3 संकुइय-करोइय-थेरओ व्व जाओ रवी एसो ।। जायस्स धुवो मच्चू रिद्धी अवि आवई धुवं होइ । इय सातो व्व रवी णिवडइ अत्थगिरि-सिहराओ ।। पाडिय-चंडयर-करो कमसो अह तविय-सयल-भुवणयलो । 7 सहसा अत्थाओ च्चिय इय सूरो खल-णरिदो व्व ।। अह दिणयर-णरणाहे अत्थमिए णलिणि-मुद्ध-विलयाहिं । 9 पल्हत्थ-पंकय-मुहं अव्वो रोउं पिव पयत्तं ।। दद्रूण य णलिणीओ रुयमाणीओ व्व मुद्ध-भमरेहिं । अणुरुव्वइ बालेहि व सुइरं रुइरे जणणि-सत्थे ।। उय मित्तस्स विओए हंस-रवुम्मुक्क-राव-कलुणाणं । 13 विहडइ चक्काय-जुयं अव्वो हियय व णलिणीण ।। सूर-णरिंदत्थवणे कुसुंभ-रत्तंबराणुमग्गेण । 15 कुल-बालिय व्व संझा अणुमरइ समुद्द-मज्झम्मि ।। ___अवि य खल-भोइयस्स व वह-पणइयण-पत्थिजमाणस्स ईसि अंधयारिजंति 17 मुहाइं तम-णिवहेण दिसा-वहणं, मित्त-विओयाणल-डज्झमाण-हिययाइं व __ आउलाई विलवंति सउण-सत्थाई, ईसालुय-णरिंद-सुंदरीओ इव पडिहय19 दूरप्पसराओ दिट्ठीओ त्ति । अवि य । अत्थं गयम्मि सूरे तिहुयण-घर-सामिए व्व कालगए । 21 रोवंति दिसि-वहूओ जण-णिवहुद्दाम-सद्देण ।। (१५७) ताव य को वुत्तंतो पयत्तो भुवणयले । अवि य पडिणियत्तई, ___1) P नियकरकेया बद्धो सूरो कडओ, J ओसरिओ, P ओयरिहो. 2) J पयावो, J त्थोय for किरण. 3) P repeats करोइय, P थेरय व्व. 4) P इव for अवि. 5) P उदयत्थ for अत्थगिरि. 8) P नलणि. 9) P मुहं अहो रोत्तुं पिव. 11) J रुइरो जणणिसत्थो. 12) P हंसरवमुक्क. 13) P चुक्काय. 14) P नरिंदत्थमणे, P रत्तंबराणमग्गेण. 15) P अणुसरइ समुज्झमि ।।. 16) J होइयस्स, P बहू (बहु?), P पणईयण. 17) J दिसावहूं. 18) Jom. आउलाई, P ईयालुनरिंद. 19) J दूरपसराओ, P दूरप्पसरा दिट्ठीओ. 22) P पडिनियत्ताई गोहणाई.
SR No.022707
Book TitleKuvalaymala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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