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________________ (९७) 1 " जो एस मज्झ वामे दाहिण - पासम्मि संठिओ तुज्झ । एक्कुण्णामिय-भुमओ वित्थारिय-पिहुल- वच्छयलो || गव्व-भर-मउलियच्छो परियंकाबद्ध - उब्भडाडोवो । ताडंतो धरणियलं पुणो पुणो वाम - पाएण ।। उत्तत्त-कणय-वण्णो आयंबिर-दीहरच्छिवत्त-जुओ । रीढा-पेसविया तुमं पि दिट्ठीए णिज्झाइ ।। 7 इमिणा रूवेण इमो माणो व्व समागओ इहं होज्ज । एएण माण-मूढेण जं कयं तं णिसाह ।। 9 (९७) अत्थि पर - णारि - बहुलो उववण-वण- पउम-संड - रमणिज्जो । गाउय-मेत्त-ग्गामो गामासण्ण-ट्ठिय- तलावो ॥ जो सूसम-पढम-णरिंद- णियय - सुय - दिण्ण - णाम- चिंधालो । छक्खंड-भरह- सारो णाममवंती - जणवओ त्ति ।। 13 सोय रिसो अवंति - जणवओ । जत्थ य पहिएहिं परिभममाणेहिं सयले वि देसे दिट्ठई एक्को व दोण्णि व तलायइं जाई ण घण - घडिय - कसण - पत्थर15 णिबद्धइं, दोण्णि व तिण्णि व दिट्ठर्इं रुक्खई जाई ण सरस - साउ-महल्ल-पिक्कघण-फलइं, तिण्णि व चयारि व दिट्ठई गामई जाई ण गणिज्जंति थोव - वीहियई, 17 चत्तारि व पंच व दिट्ठई देवउलई जाई ण सुंदर - विलासिणी - यणाबद्ध - संगइगीयइं, पंच व छ व दिट्ठउ विलासिणिओ जाओ ण धरिय-धवलायवत्त19 माऊर-छत्त-चामराडंबराओ त्ति । अवि य । 3 5 11 १२५ य - संखउलो । 21 बहु-रयण-णियर-भरिओ वियरंतुद्दाम - मुइयणिम्मल-मुत्ता-पउरो मालव - देसो समुद्दो व्व ।। तस्स सस्स मज्झ - भाए 1) P वामो for वामे. 2) P एकुन्नामियभमिओवत्थारिय, P वत्थयलो. 3) J खंध for गव्व, P उत्तडाडोवो. 4) P प्पाएण. 5) P वेत्त for वत्त. 6) P निज्झायइ. 7) J इहं for इमो, P समागमो, P होज्जा. 8) P निसामेहि . 10 ) P गामोसण्ण, J तलाओ. 11) J जा for जो, J चिद्धालो. 12 ) P अवंती. 13) J परिभवमा०, P सयले च्चिय दोस दि. 14) P तलायइम जाई, P कसिणपत्थरसिलोहबद्धई. 15) J दोणि वि तिण्णि, P दो for दोण्णि, J ट्ठियई for दिट्ठs, J सरसाउ. 16 ) J मह for घण, J फलइं, P चत्तारि, J गामाई, Jom. जाई, Pom. ण, P गणिज्जंत. 17) J चयरि, P पंच वि (for a), J व दिट्ठइं देवउलइं P वि देवउलई न दिट्ठइं, J •यणबद्धसंगीयई P संगइंगीयइं. 18) P व छ विणिदिट्ठिउ विलासिणीओ, P धवयायवत्त. 19) J मापूर for माऊर. 20) P सुपइ for मुइय . 21 ) J वयारो for पउरो, P सालवदेसो.
SR No.022707
Book TitleKuvalaymala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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