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________________ १०२ (८२) 1 सिद्धत्थ-कंदली विय टस त्ति भग्गो कयंतेण ।। पर-दार-चोरियाइसु गहिओ रायावराह-कज्जेण । 3 छेयण-लंछण-ताडण-डहणंकण-मारणं पत्तो ।।। दुब्भिक्ख-रक्ख-खइए जणम्मि णरणाह मे खुहत्तेण । 5 खइयं माणुस-मस जण-सय-परिणिंदिय बहसो ।। बहु-रइय-चीर-मालो उच्छिट्ठाणिट्ठ-खप्पर-करग्गो । 7 कय-डिंभ-कलयलो हं बहुसो उम्मत्तओ भमिओ ।। खदुया-मोत्थय-पहराहओ वि दीणत्तणं अमुंचंतो । 9 सरणं अविंदमाणो जणस्स पाएसु पडिओ हं ।।। कत्थइ महिलत्तणए दूसह-दोहग्ग-सोय-तवियाए । 11 दालिद्द-कलह-तवियाएँ तीऍ रुण्णं धव-मणाए ।। वेहव्व-दूमियाए दूसह-पइ-णेहमसहमाणीए । 13 उर-पोट्ट-पिट्टणेणं णिरत्थयं तं कयं बहसो ।। पिययम-विलीय-दसण-ईसा-वस-रोस-मोहिय-मणाए । 15 णरणाह मए अप्पा झस त्ति अयडम्मि पक्खित्तो ।। दुस्सीलत्तण-चिंधं पाव-फलं कुसुम-पल्लवुब्भेयं । 17 णासाहर-कण्णाणं छेयं तह भेयणं सहियं ।। विसम-सवत्ती-संतावियाएँ पइणा अलीढ-गणियाए । 19 णरणाह मए अप्पा विलंबिओ दीण-वयणाए ।। बहुली व परिगयाए सिसिरे जर-कंथ-उत्थय-तणूए । 21 दुग्णय-घरिणीऍ मए बहुसो तण-सत्थरे सुइयं ।। वसियं विसमावत्ते हल्लिर-कल्लोल-वीइ-पउरम्मि । 1) P विय ढस त्ति. 2) P राहावराह, दहणं.. 4) P जणिंम्मि P •णाह रे मे. 6) P उच्चिट्ठा. 8) P खडुया, P पहगहओ. 11) P परिपूरियाए for तवियाए, J तीय रुण्णं, J धवि (?) for धव, P रुण्णं चिय विणोउ ।. 12) P पइणोहम०. 13) P उरपोद्दपिट्टणमनिर०. 15) P निक्खित्तो for पक्खित्तो. 16) J विद्धं for चिंधं. 17) J छेयम छएण मे सहियं, P तह भोयणं. 18) P पइणो. 20) P बहुलीए परिग्गहियाए, J कंथरोत्थय. 22) P भीमावन्ने for विसमावत्ते.
SR No.022707
Book TitleKuvalaymala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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