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________________ (८०) ९७ 1 ताव तहिं चिय सुक्को तावस-थेरो व्व जुण्ण-गओ ।। कत्थइ वारी-बद्धो बद्धो घण-लोह-संकल-सएहिं । 3 तिक्खंकुस-वेलु-पहार-तज्जणं विसहियं बहुसो ।। अइभारारोहण-णिसुढियस्स रण्णे बइल्ल-रूवस्स । 5 जीय-सणाहस्स वि कोल्हुएहिँ मासं महं खइयं ।। कत्थइ विसमावडिओ मुसुमूरिय-संधि-बंधणो दुहिओ । 7 तोहा-छुहा-किलंतो सुसिऊण मओ अकय-पुण्णो ।। कत्थइ णंगल-जुत्तो सयड-धुरा-धरण-जूरण-पयत्तो । 9 तोत्तय-पहर-परद्धो पडिऊण ठिओ तहिं चेय ।। डहणंकण-बंधण-ताडणाइँ वह-छेज्ज-णत्थणाइं च । पसु-जम्ममुवगएणं णरवइ बहुसो वि सहियाई ।। हरिणत्तणम्मि तक्खण वियायई-मय-तणं पमोत्तूणं । सावय-सहस्स-पउरे वणम्मि विवलाइयं बहुसो ।। कत्थइ य जाय-मेत्तो मुद्धत्तणएण जणणि-परिहीणो । 15 दढ-कोडंडायड्डिय-बाणं वाहं समल्लीणो ।। गेयस्स दिण्ण-कण्णो कत्थइ णिहओ सरेण तिक्खेणं । 17 कत्थइ पलायमाणो भिण्णो सेल्ल-प्पहारेहिं ।। कत्थइ धावंतो च्चिय पडिओ विसमम्मि गिरि-वर-झसम्मि । 19 कत्थइ वण-दव-जालावलीहिँ डड्डो णिरुच्छाहो ।। णो णिब्भएण चिण्णं तणं पि णो चेय पाणियं पीयं । 21 ण य णिब्भएण सुत्तं णरणाह मयत्तणम्मि मए ।। सस-संबर-महिस-पसुत्तणम्मि पुरिसेहिँ मंस-लोहेणं । 2) P कत्थइ वीराबंधो. 3) P तिक्खुंकुसाबलपहार, P विसहिउँ पयसो. 5) P मयं for महं. 7) J असिऊण for सुसिऊण. 8) P नंगलहुजुत्तो. 9) P चेव for चेय. 10) P तहा for वह. 12) P हरित्तणंमि, J विआयमयतण्णयं, P मयतणयं. 13) P विवला इओ. 14) P om. य. 15) P कोयंडा, P बाणवाहं. 16) J दिण्णयण्णो. 17) P कत्थइ धाययमाणो. 18) P णइ for वर. 19) P दड्डो. 21) J णिच्चएण for णिब्भएण. 22) P मांस लोभेण, P मांसं.
SR No.022707
Book TitleKuvalaymala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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