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________________ सागरसूरि से मन्दिर की प्रतिष्ठा करवाई । आज भी यहाँ हजारों की संख्या में यात्री आते है। हिन्दूसम्राट् छत्रपति शिवाजी इसी समय छत्रपति शिवाजी स्वतंत्र हिन्दूसम्राट् हुए जिन्होंने औरंगजेब से लोहा लिया। अहमदाबाद के नगरशेठ शान्तिदास और उनका परिवार अहमदाबाद में शेठ शान्तिदास की आवभगत से प्रभावित होकर अकबर बादशाह की किसी बेगम ने उसे धर्म का भाई बनाया था। इसलिए जहाँगीर शेठ को अपना मामा मानता था । वि.सं. १६६३ में जहाँगीर बादशाह बना तब शेठ शान्तिदास को गुजरात का सूबेदार बनाना चाहा किन्तु शेठ ने मना कर दिया था । अतः गुजरात के सभी सूबेदार शेठ के प्रति बहुमान रखते थे। शेठ तीव्र बुद्धिशाली थे और गुरुकृपा से काफी सम्पन्न थे । बादशाह शाहजादे और सूबेदार आवश्यकतानुसार शेठ से धन उधार लेते थे । शेठ ने भी बादशाह अकबर की सभा में जवाहिर की परीक्षा कर नाम कमाया था। शेठ ने औरंगजेब द्वारा तोडे गये अहमदाबाद के सरसपुर के जैन मन्दिर को पुनः शाहजहाँ से फरमान पाकर राज्य-खर्च से बनवाया था । ___ शाहजहा मुरादबक्स ने अपनी सूबेदारी के समय शेठ को श्री शत्रुजय तीर्थ का पहाड भेंट दिया था । वि.सं. १७१५ में शेठ का स्वर्गवास हुआ । शेठ शान्तिदास के पौत्र शेठ खुशालचन्द ने मराठा सैनिकों के आक्रमण से अहमदाबाद की प्रजा की रक्षा की थी, अतः सरकार ने शेठ परिवार को आयात माल पर चार आना=o=२५ पै. सैकडा हक बांध दिया था । भारत पर ईस्ट-इन्डिया कंपनी का आधिपत्य विक्रम की अठारहवीं सदी के उत्तरार्ध में मुगल साम्राज्य के पतन के साथ पुर्तगाली, फ्रांसीसी और युरोपियन व्यापार के बहाने भारत आये । अन्त में (१२८)
SR No.022704
Book TitleJain Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKulchandrasuri
PublisherDivyadarshan Trust
Publication Year
Total Pages162
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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