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________________ हुआ था और अपने मन्त्री राणा सिहड द्वारा हार और विविध फरमान आचार्य श्री को भेंट किये थे। शायद यह घटना बादशाह की जीवन-सन्ध्या में घटी हो । गुजरात से आया हुआ एक ढेड, जिसका नया नाम मलीक खशरू काफिर था, अलाउद्दीन का बडा विश्वासपात्र था । इसने विषप्रयोग से ई.स. १३१६ में अलाउद्दीन को मार डाला और मुबारक खिलजी को बादशाह बनाया । यह अयोग्य था । इसे भी मारकर मलीकखुशरू 'नासिरुददीन' का नया नाम धारण- कर स्वयं ई.स. १३२० में बादशाह बना । इसे भी ई.स. १३२१ में मारकर ग्यासुद्दीन तुगलक, जो पंजाब का सूबेदार था, बादशाह बन बैठा। इस तरह खिलजी वंश का समूल नाश हुआ और तुगलकवंश ने उसका स्थान लिया। तुगलक वंश ग्यासुद्दीन तुगलक ने ई.स. १३२१ से १३२६ तक शासन किया। उसके बाद मुहम्मद तुगलक आया। (९८)
SR No.022704
Book TitleJain Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKulchandrasuri
PublisherDivyadarshan Trust
Publication Year
Total Pages162
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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