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६७. जलचर, पक्षी, देवतादि।
६८. मुक्तगति, देवर्गात, मनुष्यगति, तिर्यग्गति, नारकीय गति ।
६९. हेमसमीक्षा: मधुसूदन शास्त्री (गुजराती) पृ. ८०-८१
७०. मूसलगाँवकर के अनुसार सात काण्डों में क्रमश: १७, ६१७, ८१४, ३५९, ५७, ०७ एवं ६८ = १९३९ लोक हैं।
७१. हेमचंद्राचार्य जीवन चरित : डॉ. वृलर, अनुवाद बांठिया, पृ. ५८ ७२. हेम समीक्षा: मधुसूदन शास्त्री (गुजराती) पृ. १३७
७३. इयं रयणावलि नामी दंसीसहाण संग्रहो एसो । देशीनाममाला १-७७ १००, तद्भव १८५०, संशययुक्त तद्भव ५२५ देशी - १५००, कुल ३९७८ ओ. हेमचंद्र : मूसलगाँवकर, पृ. १३२
७४. तत्सम
७५. पिशेल एण्ड रामानुजास्वामी - देशीनाममाला इन्ट्रोडक्षन (पृ. २९-३०) ७६. इन्ट्रोडक्षन टू देशीनाममाला, पृ. ८
७७. हेम समीक्षा: मधुसूदन शास्त्री, पृ. ८५-८६
७८. आचार्य हेमचंद्र : मूसलगाँवकर, पृ. १३८ ७९. हेम समीक्षा : मधु सूदन शास्त्री, पृ. ८५-८६ ८०. वूलर ने छः काण्डों को ही ६ ग्रंथ कहा है। ८१. लाईफ ऑफ हेमचंद्र : वूल्हर, पृ. ३७ ८२. आचार्य हेमचंद्र : मूसलगाँवकर, पृ. १३९ ८३. हेमचंद्राचार्य जीवन चरित : कस्तूरमल बांठिया, पृ. ३० ८४. विश्व साहित्य की रूपरेखा : भगवत्शरण उपाध्याय
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८५. संस्कृत साहित्य का इतिहास : कीथ व बलदेव उपाध्याय ८६. आचार्य हेमचंद्र : डॉ. मूसलगाँवकर, पृ. ४७
८७. हेम समीक्षा: मधुसूदन मोदी (गुजराती) पृ. १०४
८८. हेमचंद्राचार्य जीवन चरित : डॉ. वूलर (अनु. बांठिया) पृ. ३१ ८९. हेम समीक्षा: मधुसूदन मोदी (गुजराती) पृ. १५१-१५२
९०. आचार्य हेमचंद्र : डॉ. मूसलगाँवकर, पृ. ५१
९९. वही, पृ. ५१
९२. वही, पृ. ५२
९३. स्थविरावली चरित - जाकोबी इन्ट्रोडक्षन - १६
९४. त्रिशपुच. पर्व १० / १६-१७
९५. वही, १० / ३०
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९६. लाइफ ऑफ हेमचंद्र : वूलर, पृ. ४८
९७. हेमचंद्र नी कृतिओं : मोतीचंद जी कापड़िया (गुजराती) पृ. ५४
९८. आचार्य हेमचंदर : डॉ. वि. मा. मुलगाँवकर. पू. ११०
९९. त्रिशपुच. अंतिम
प्रशस्ति
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