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________________ प्राचीन जैन इतिहास | १८ पाठ ११ । एक मांसभक्षी राजा । । ( १ ) श्रुतपुर नगरका राजा वक था । उसे मांसभक्षणका दुव्यंसन पड़ गया था । वह गुप्त रूप से मांसभक्षण किया करता था । ( २ ) एकवार उसके रसोइएने मांस पकाकर रक्खा । इसी समय एक कुत्ता उसे उठा कर लेगया । रसोइएको बड़ी चिंता हुई । वह श्मशानभूमिमें गड़े हुए एक बालकके शरीरको लेभाया और उसका मांस राजाको खिलाया । राजाको वह मांस बहुत स्वादिष्ट लगा और उसने अपने रसोइएसे कहा कि मुझे इसी प्रकारका मांस खिलाया करो | ( ३ ) रसोइया कुछ लोभ देकर अपने यहां नगर के बालकोंको बुलाता और अन्तमें एक बालकको एकांत में मार कर उसका मांस राजाको खिलाता | (४) कुछ समय बाद नगरके बालक कम होने लगे तब नगरनिवासियोंने बालकों की खोज की। खोज करने पर उन्हें राजाके मांस भक्षणका पता लगा । उन्होंने मिलकर राजाको राज्य से निकाल दिया । (५) बक राजा जंगलोंमें रहने लगा और नगर में जाकर मनुष्यों को पकड़ कर खाने लगा | वह बहुत बलवान था इसलिए उसका कोई सामना नहीं कर सकता था । तब नगर निवासियोंने
SR No.022685
Book TitlePrachin Jain Itihas Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurajmal Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1939
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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