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प्राचीन-जैन-इतिहास
(दूसरा भाग)
न:-1.
रचयिता-+- ( His श्री० सूरजमल जैन (हरदानिकासी
प्रकाशक
मूलचन्द किसनदास कापड़िया, मालिक, दि० जैन पुस्तकालय, चंदाबाड़ी-सूरत ।
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" जैन विजय " प्रि० प्रेस-सूरतमें मूलचंद किसनदास
कापडियाने मुद्रित किया । प्रथमावृत्ति ] वीर सं० २४४७ [ मूल्य १)
संख्या ११००
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