SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 133
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२४ बृहत्कल्पसूत्रभाष्य : एक सांस्कृतिक अध्ययन इसमें वीणा, तल, ताल, लय और वादित्र मुख्य हैं।७३ राजप्रश्नीयसूत्र में ३२ प्रकार की नाट्यविधियों का उल्लेख है।" कुवलयमालाकहा में ७२ प्रकार की कलाओं तथा वाणभट्ट की कादम्बरी में चन्द्रापीड द्वारा विभिन्न प्रकार की नाट्य संगीत कलाओं का उल्लेख है।५ ___वाद्य भी संगीत कला का एक अंग माना जाता था। राजप्रश्नीय-सूत्र में वाद्य कला के अन्तर्गत शंख, शृंग, भेरी, पटह आदि ४९ प्रकार के वाद्यों का उल्लेख है किन्तु कुछ लोगों के अनुसार इनकी संख्या ५९ मानी गयी है।६ कादम्बरी में भी वाद्य कला के अन्तर्गत वीणा, बांसुरी, मृदंग, कांसा, मंजीरे, तूती आदि वाद्य कलाओं का उल्लेख है। संगीत कला के अन्तर्गत पटह और भेरियों का महत्त्वपूर्ण वर्णन मिलता है। कृष्णवासुदेव की कौमुदिकी८, संग्रामिकी, दुर्भूतिका और अशिवोपशामिनी नामक भेरियों का उल्लेख प्राचीन जैनसूत्रों में मिलता है। ये चारों गोशीर्ष चन्दन की बनी थीं। कहते हैं कि जब अशिवोपशामिनी भेरी बजायी जाती तो छः महीने के लिए समस्त रोग शान्त हो जाते थे। एक बार परदेश से कोई वणिक् द्वार पर आया। वह सिर की वेदना से अत्यन्त व्याकुल था। वैद्य ने उसे गोशीर्ष चन्दन का लेप बताया था, लेकिन गोशीर्ष बहुत प्रयास करने पर भी नहीं मिला। अन्त में उसने ढेर सा द्रव्य कृष्ण के भेरीपाल को देकर भेरी का एक खण्ड खरीद लिया। परिणाम यह हुआ कि भेरी खण्डित हो गयी, और उसका बजना बन्द हो गया, और प्रजा रोगी होने लगी। जब कृष्ण को इस बात का पता चला तो उसने भेरीपाल को बुलाकर उसके वंश का नाश कर दिया।५० सन्दर्भ १. ज्ञाताधर्मकथा, अध्ययन १, पृ. २१ २. सी. शिवराममूर्ति, इण्डियन पेंटिंग, दिल्ली, १९७०, पृ. ३४ ३. बृहत्कल्पभाष्य, वृत्ति गा. ३८६७-८८, पृ. १०६४ ४. सी. शिवराममूर्ति, इण्डियन पेंटिंग, पृ. ३४ ५. बृहत्कल्पभाष्य, गा. २४२६-३३ ६. वही, गा. २४२९ ७. वही, पीठिका गा. १७२ ८. आवश्यकचूर्णि, २, पृ. १६५
SR No.022680
Book TitleBruhat Kalpsutra Bhashya Ek Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendrapratap Sinh
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2009
Total Pages146
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy