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________________ घनपाल का पाण्डित्य 85 तथा प्रसाद गुण का उल्लेख मिलता है। मदिरावती के वर्णन में अलंकार एवं माधुर्य गुण का उल्लेख आया है। विरतिभंग नामक काव्य-दोष का उपनिबन्धन किया गया है। राजा मेघवाहन द्वारा कण्ठछेद के प्रसंग में शोक तथा जुगुप्सा नामक स्थायिभावों का उल्लेख आया है। स्वेद, वैवर्ण्य, वेपयु, स्तम्भ आदि सात्विक भावों का वर्णन किया गया है । अमर्ष, मद, हर्ष, गर्व उग्रतादि व्यभिचारी भावों का निर्देष किया गया है। हरिवाहन, समरकेतु तथा उनके मित्रों ने मत्तकोकिल उद्यान में काव्यगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें प्रमुखत: चित्रालंकारों का विवेचन किया गया था। इस प्रसंग में साहित्यशास्त्र सम्बन्धी अनेक पारिभाषिक शब्दों का उल्लेख किया गया है। उस गोष्ठी में विद्वानों की सभा में प्रसिद्ध पहेलियां बूझी गई। प्रहेलिका का एक अन्य स्थान पर भी उल्लेख किया गया है। उसी गोष्ठी में बिन्दुच्युतक, मात्राच्युतक, अक्षरच्युतक श्लोकों की विवेचना की गयी।10 बिन्दुच्युतक में बिन्दु के हटा दिये जाने पर, मात्राच्युतक में मात्रा हटाने पर तथा अक्षरच्युतक में अक्षर हटाने पर दूसरे अर्थ की प्रतीति होने लगती है। बिन्दुमती 1. (क) प्रसत्तिमिव काव्यगुणसम्पदाम्, -वही, पृ. 159 (ख) ओजस्विभिरपि प्रसन्न :.... -वही, पृ. 10. (ग) समस्तानेकपदाअप्योजस्वितां विजहुः, -वही, पृ. 15 उज्झितालंकारामप्यकृत्रिमेणकान्तिसुकुमारतादिगुणपरिगृहीतेनांगमा धुर्येण सुकविवाचमिव सहृदयानां हृदयमावर्जन्तीम्""" -वही, पृ. 71 3. कुकविकाव्येषु यतिघ्रशदर्शनम्, -वही, पृ. 15 4. अथ भीमकर्मावलोकन""स्थायिभिरिव शोकमयजुगुप्साप्रभृतिभिः... -वही, पृ. 53 5. असाधारणधैर्यशिनादाहितव्रीडैरिव सात्विकैरपि स्वेदववर्ण्यवेपथुस्तम्भारिटभिरपास्तसंनिधिः, -वही, पृ. 53 अव्याजसाहसावजितमनोवृत्तिभिरिव व्यभिचारिभिः "भावः, -वही, पृ. 53 7. चित्रपदभङ्गसूचितानेकसुन्दरोदारार्था प्रवृत्ता कथंचित्तस्य चित्रालंकारभूयिष्ठाकाव्यकोष्ठी। -तिलकमंजरी, पृ. 108 8. तत्र च पठ्यमानासु विद्वत्सभालब्धख्यातिषु प्रहेलिकाजातिषु.. -वही, पृ. 108 9. वही, पृ. 394 10. बिन्दुमात्राक्षरच्युतकश्लोकेषु' -वही, पृ. 108
SR No.022662
Book TitleTilakmanjari Ek Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpa Gupta
PublisherPublication Scheme
Publication Year1988
Total Pages266
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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