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________________ ६८ श्रीमद्वाग्भटविरचितं नेमिनिर्वाणम् : एक अध्ययन ७९. नेमिनाथ वन्हाड (वीरदास पासकीति) यह ४० पधों का गीत है, जिसमें नेमिनाथ के विवाह का अपूर्व समारोह वर्णन है । रचयिता : रचनाकाल ____ इस पद्य गीत के रचयिता का नाम वीरदास (पासकीति) है । इनका समय १७ वीं शताब्दी का है। ८०. नेमीश्वर चन्द्रायण (नरेन्द्रकीति) यह प्रति श्री महावीरजी के शास्त्र भण्डार में संग्रहीत है । रचयिता : रचनाकाल इसके कृतिकार भूटारक नरेन्द्रकीर्ति थे जो आमेर गादी के संस्थापक भट्टारक देवेन्द्रकीर्ति के शिष्य थे । इसकी रचना सं० १६९० (सन् १६३३ ई०) में की थी । ८१. नेमीश्वर रास (ब्रह्म रायमल्ल) ___इस कृति में कुल १४५ कड़वक छन्द हैं जिनमें नेमिनाथ के गर्भ से निर्वाण तक की घटनायें वर्णित हैं। रचयिता : रचनाकाल . . नेमीश्वर रास के रचयिता ब्रह्म रायमल्ल १७ वीं शताब्दी के प्रतिनिधि कवियों में हैं । नेमीश्वर रास की रचना इन्होंने वि० सं० १६१५ (सन् १५५८ ई०) के लगभग की थी। मीश्वर रास के अतिरिक्त ब्रह्म रायमल्ल ने नेमि निर्वाण, काव्य भी लिखा है जो अत्यन्त लघु कृति है जिसमें तीर्थकुर नेमिनाथ की भक्तिपूर्वक वन्दना की है । इसकी प्रति भट्टारक दिगम्बर जैन मन्दिर अजमेर के भण्डार में है।' ८२. नेमिगीत (अजीतमती) यह एक रागवसन्त पर रचित रचना है । कुल छन्द संख्या छः है। रचयिता : रचनाकाल इस गीत की रचना बाई अजीतमती ने की थी। ये भट्टाकर वादिचन्द्र की प्रमुख शिष्या थी । इन्होंने कई स्फुट पदों और गीतों की रचना की । ८३. नेमिजी को मंगल (श्री विश्व) नेमिजी को मंगल, राजस्थानी हिन्दी में विरचित एक लघु रचना है। १. सन्मति, जून १९६० में प्रकाशित, जोहरापुर .जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग-७, पृ० - २१२ ३. द्रष्टव्य - डा० इन्दुराय जैन द्वारा लिखित मिशीर्षक हिन्दी साहित्य, लेख अनेकान्त, अक्तूबर - दिसम्बर १९८६, पृ० -१० ४. वही, पृ०-१० ५.वही, पृ० -१०
SR No.022661
Book TitleNemi Nirvanam Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAniruddhakumar Sharma
PublisherSanmati Prakashan
Publication Year1998
Total Pages252
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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