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________________ "प्रकाशन के अवसर पर" प्रस्तुत ग्रन्थ मेरठ विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा सन् १९९१ ई० की पी०एच०डी० उपाधि के लिए स्वीकृत शोध प्रबन्ध का अविकल मुद्रण है। विगत कई वर्षों से प्रकाशन के लिए विचार करते हुए, भगवत्-कृपा से इस वर्ष प्रकाशित इस शोध-प्रबन्ध को ग्रन्थरूप में देखकर मुझे चिरानन्द की प्राप्ति हो रही है। मेरे सुधी मित्र एवं आत्मीयजन जिसके प्रकाशन के लिए समय-समय पर प्रेरित करते रहे हैं। मैं श्री डा० विश्वनाथ भट्टाचार्य जी (पूर्व अध्यक्ष संस्कृत एवं पालि विभाग काशी वि०वि० वाराणसी) का विनम्र आभारी हूँ जिन्होंने संक्षिप्त प्राक्कथन लिखकर मुझ पर अनुकम्पा की है। अपने गुरुओं के प्रति तथा विशेष रूप से डा० जयकुमार जैन जी के प्रति हृदय से आभारी हूँ जो मुझे इस ग्रन्थ के प्रकाशन में प्रेरित एवं प्रोत्साहित करते रहे हैं। फलतः मैं आज इस शोध-प्रबन्ध को ग्रन्थरूप में सहृदय-जनों के हाथों समर्पित कर रहा हूँ। मुझे आशा एवं विश्वास है कि ग्रन्थ की त्रुटियों से अवगत कराने की कृपा करेंगे। इस अवसर पर अपने माता-पिता के आशीर्वाद तथा आत्मीयजनों की शुभाकांक्षा की अपेक्षा करता हुआ, अपनी अर्धाङ्गिनी श्रीमती सुमन दीक्षित, दोनों बच्चों (तरणी, हिमानी) को धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने मुझे इस कार्य को पूर्ण करने में सहयोग दिया है। इसके अतिरिक्त कम्पयूटर कम्पोजर श्री सुरेन्द्र गौड़ एवं श्री मनमोहन जी, श्री शिवदत्त जी का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने प्रकाशन में सहयोग प्रदान कर इस कार्य को सम्पन्न कराया दिल्ली ५ जनवरी, १९६८ ई० अनिरुद्ध कुमार शर्मा
SR No.022661
Book TitleNemi Nirvanam Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAniruddhakumar Sharma
PublisherSanmati Prakashan
Publication Year1998
Total Pages252
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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