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________________ तीर्थङ्कर नेमिनाथ विषयक साहित्य रचयिता : रचनाकाल इस चरितकाव्य के रचयिता देवप्रभसूरिमलधारिगच्छ थे । (रचनाकाल अनुपलब्ध है) ३२. महापुरुषचरित (मेस्तुंग) इस रचना में ५ सर्ग हैं जिनमें ५ तीर्थडुरों का वर्णन है जिसमें तृतीय सर्ग में नेमिनाथ का वर्णन आया है। रचयिता : रचनाकाल इसके रचयिता मेरुतुंग हैं । (रचनाकाल अनुपलब्ध है) ३३. नेमिनिर्वाण काव्य (ब्रह्म नेमिदत्त) _ यह नेमिनाथ पर रचित काव्य है । इसके रचयिता श्री ब्रह्मनेमिदत्त हैं । इस काव्य की प्रति ईडर में प्राप्त है। ३४. नेमिनिर्वाण काव्यपज्जिकाटीका (भट्टारक ज्ञान भूषण) यह एक संस्कृत रंचना है जिसके रचयिता का नाम भट्टारक ज्ञानभूषण हैं । अन्य प्रकाशित नेमिचरितों के लेखक तिलकाचार्य (ग्रन्थान ३५०० श्लोक) नरसिंह, भोजसागर, हरिषेण, मंगरस तथा मल्लिभूषण के शिष्य ब्रह्मनेमिदत्त का उल्लेख मिलता है । ब्रह्मनेमिदत्त की कृति का नाम नेमिनिर्वाण तथा नेमिपुराण भी है । इसकी रचना वि० सं० १६३६ में हुई थी । इसमें १६ सर्ग हैं । रचयिता ने अपने को मूलसंघ सरस्वतीगच्छ का माना प्राकत ३६. नेमिनाह चरिय (जिनेश्वर) ... यह नेमिनाथ पर रचित प्राकृत रचना है । रचयिता : रचनाकाल यह रचना जिनेश्वरकृत है जो वि० सं० ११७५ (सन् १११८ ई०) है। ३७. नेमिनाह चरिय (मल्लधारी हेमचन्द्र) यह भी प्राकृत रचना उपलब्ध है। इस प्राकृत रचना के रचनाकार मल्लधारी हेमचन्द्र (हर्षपुरीयगच्छ अभयदेव के शिष्य) हैं । इसका ५१०० ग्रन्थान प्रमाण हैं जो १२वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध के हैं । १.जैन साहित्य का बृहद् इतिहस, भाग-६, पृ० - ७७ ४.जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग-६, पृ० - ८७ २.तीर्थर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, भाग-३, पृ०-४०४ ५.वही, पृ० - ८७ ३.वही, पृ० - ३५२ ६.वहीं, पृ० - ८८
SR No.022661
Book TitleNemi Nirvanam Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAniruddhakumar Sharma
PublisherSanmati Prakashan
Publication Year1998
Total Pages252
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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