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________________ नेमिनिर्वाण : दर्शन एवं संस्कृति - संस्कृति १९५ नेमिनिर्वाण मे गोवर्धन', सुमेरु', मन्दार, मेरु, सुपर्व', कैलाश', मलय", रैवतक', मन्द्रा, अज्जना , तथा विन्ध्यार पर्वतों के नाम आये हैं। नदियाँ: पर्वतों की तरह नदियों का भी अति महत्त्व है । ये प्रकृति का वरदान तथा अभिशाप स्वरूप होती हैं । भूमि की उपजाऊ शक्ति को बनाने में नदियाँ एक विशेष कार्य करती हैं। पहले तो आवागमन की सुविधा न होने से यह कार्य नदियों पर आश्रित होता था। यही कारण है कि प्राचीन बहुत से बड़े बड़े नगर नदियों पर ही बसे हैं। नेमिनिर्वाण में भी अनेक नदियों का उल्लेख हुआ है जो इस प्रकार हैं-सिन्धु२, यमुना, कलिन्दकन्या, मन्दाकिनी५, गंगा, मालिनी, जनुतनया, तमसार, मेकलकन्या। वन एवं उद्यान : भौगोलिक दृष्टि से वनों व उद्यानों का अति महत्त्व है । विविध प्रकार की भूमि और जलवायु के कारण विभिन्न वनस्पतियाँ उद्यानों एवं वनों में उत्पन्न होती हैं, जो बड़ी ही लाभ दायक है । तथा जीवनोपयोगी हैं । इसी प्रकार उद्यान मनोरञ्जन तथा क्रीड़ा के प्रमुख साधन हैं । जिनका मनोरम और मनोहर वातावरण मन को आकर्षित करता है । नेमिनिर्वाण में तीन वनों या उद्यानों के नाम उल्लिखित है। क्रीडावना२ अम्भोजवन चेलूवन" देश की समृद्धि के लिये वृक्ष अति आवश्यक उपादान हैं जहाँ वृक्ष और लतायें शोभावर्द्धक होती हैं, वहीं दूसरी ओर इनसे बहुमूल्य लकड़ियाँ तथा पौष्टिक फल-फूल भी प्राप्त होते हैं। नेमिनिर्वाण में विभिन्न प्रकार के वृक्षों का वर्णन मिलता है । जैसे - पौराणिक वृक्षों में कल्पद्रुम । कल्पवृक्ष का उल्लेख भारतीय साहित्य में बहुतायत से हुआ है। योगभूमि में मनुष्यों की सम्पूर्ण आवश्यकताओं को चिन्तना मात्र से पूरी करने वाले कल्पवृक्ष होते हैं। ३. वहीं, ५/२१,७/२० ६. वह, ५/६७ १. नेमिनिर्वाण १/८९ ४. वहीं, ५/१६,११/५६ ७. वही, ६/२० ९. वही,११/३७,४९ १२. वही, १/३५ १५. वही, ३/३६ १८. वही, ९/३५ २१. कही, ८R २४. वही, ५/४४,७ २. वहीं, ५/३, ५३ ५. वही, ५/४० ८. वही, ६/५०,१०/४६,१३/८४ १०. वही,१२/३७ १३. वही,१/७४ १६. वही, ५/६० १९. वही, ९/१२, २४ २२. वही, ८१०,५९ ११. वहीं, १३/२६ १४. वही, १/७६ १७. वहीं,७/३८ २०. वहीं,१३/३१ २३. वहीं,८/४९
SR No.022661
Book TitleNemi Nirvanam Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAniruddhakumar Sharma
PublisherSanmati Prakashan
Publication Year1998
Total Pages252
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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