SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 194
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १८० श्रीमद्वाग्भटविरचितं नेमिनिर्वाणम् : एक अध्ययन परलोक में आस्था रखने वाले एवं आस्था न रखने वालों के आधार पर भारतीय दर्शनों का एक नवीन वर्गीकरण भी संभव है । जो इस प्रकार है : १.चार्वाक .. भारतीय दर्शन परलोक विरोधी परलोकवादी . १. बौद्ध २. जैन ३. सांख्य ४. योग ५. न्याय ६. वैशेषिक ७. मीमांसा ८. वेदान्त एक तीसरा वर्गीकरण वैदिक विचारधारा एवं अवैदिक विचारधारा के आधार पर भी प्रस्तुत किया जाता है । वैदिक विचारधारा में भी दो प्रकार के दर्शन हैं : १. प्रथम विशुद्ध रूप से वैदिक विचारधारा, कर्मकाण्ड अथवा ज्ञानकाण्ड पर आधारित २. द्वितीय लौकिक विचारों से प्रभावित भारतीय दर्शन वेद-विरोधी १. चार्वाक २. बौद्ध ३. जैन विशुद्ध वैदिक विचारधारा पर आश्रित १. मीमांसा (कर्मकाण्डी) २. वेदान्त (ज्ञानकाण्डी) लौकिक विचारधारा से प्रभावित १. सांख्य २. योग ३. न्याय ४. वैशेषिक
SR No.022661
Book TitleNemi Nirvanam Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAniruddhakumar Sharma
PublisherSanmati Prakashan
Publication Year1998
Total Pages252
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy