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________________ श्री महाबल मलयासुंदरी चरित्र निर्वासित जीवन उस मांस के लोथड़े को देख सामने आनेवाले भारंड ने उस पर आक्रमण किया। दोनों की लड़ाई में मलयासुंदरी उस भारंड के पंजों से निकल पड़ी, भारंड के पंजों से नीचे गिरती हुई को उसे कुछ ठंडी हवा लगने के कारण होश आ गया था । अतः वह पंच परमेष्ठि मंत्र का स्मरण करने लगी और स्मरण करते हुए ही वह समुद्र के अगाध जल में आ गिरी। . रोगग्रस्त हो, अशक्त हो, अपंग हो, ऐसे वासना - ग्रस्त आत्माओं की वासना पूर्ति के सरलतम साधन टी.वी. एवं वीडिओ। . मोह मदिरा का पान करवाने हेतु मेहमानों को आमंत्रित करने में नये युग की बिना लिखी नये डिजाइन की आमंत्रण पत्रिका है टी.वी. एवं विडिओ। . अज्ञानी लोग कहते हैं कि टी.वी., विडिओ मनोरंजन के साधन हैं। पर ज्ञानी कहते हैं मन - भंजन के ये निकृष्टतम साधन हैं। 163
SR No.022652
Book TitleMahabal Malayasundari Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilakvijay, Jayanandsuri
PublisherEk Sadgruhastha
Publication Year
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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