SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 158
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री महाबल मलयासुंदरी चरित्र सुख के दिन ___ महाबल – "प्रिये! यह बात तुम इनसे न पूछो, ये तमाम बातें मैं जानता हूं और समय पर तुम्हें सब कुछ बतला दूंगा, अभी तुम अंदर जाओ । महाबल . की आज्ञा होते ही मलयासुंदरी अंदर के कमरे में चली गयी।" महाबल - कनकवती इस महल के बाहर नजदीक में ही एक राजकीय मकान है तुम वहां पर आ जाओ। ऊपर से मीठी परंतु दुष्ट हृदयवाली कनकवती कुमार के बतलाये हुए मकान में आ रही और धीरे - धीरे मलयासुंदरी के पास आने जाने लगी । जब मनुष्य को उसका भाग्य चक्र में डालता है तब उसकी तीक्ष्ण बुद्धि भी कुछ काम नहीं आती । अविश्वास में से राजनीति सीखने पर भी विश्वास किया जाता है; इसी कारण एक महान् अपराधी को भी महाबलकुमार ने रहने के लिए स्थान दे दिया। इसके परिणाम में उसे कैसा भयंकर विपाक भोगना पड़ेगा इस बात की उसे स्वप्न में भी खबर न थी, या यों कहना चाहिए कि कर्म विपाक के सामने मनुष्य की तमाम चतुराई बेकार है । कनकवती की बोलचाल, हंसना और वार्तालापादि इतना चित्ताकर्षक था कि तीक्ष्ण बुद्धिवाला कुमार उसकी धूर्तता को न जान सका । धीरे - धीरे राजमहल में उसका आना जाना बढ़ने लगा। परंतु जिस तरह बिल्ली नित्य चूहे के ही ध्यान में रहती है वैसे ही निष्कारण दुश्मन वह मलयासुंदरी को मारने या वैसे ही किसी महान् संकट में डालने के लिए निरंतर उसके छल देखने लगी । यद्यपि वेदंपति इस समय अद्वितीय संसार सुख का अनुभव कर रहे हैं परंतु अपने ही हाथ से उन्होंने अपने आंगन में भविष्य में कटुफल देने वाला विषवृक्ष लगा लिया है। संसार रूपी वृक्ष का सुखरूपी मधुर फल भोगते हुए, मलयासुंदरी ने गर्भ धारण किया। महाबलकुमार ने उसके तमाम मनोरथ पूर्ण किये । गर्भ के साथ ही मलयासुंदरी का प्रतिदिन लावण्य वृद्धि को प्राप्त होने लगा । सुख से समय बिताते हुए गर्भ प्रसूति का समय भी अब नजीक ही आने लगा। एक दिन महाराज सूरपाल महाबल से बोले बेटा महाबल! हमारे राज्य 141
SR No.022652
Book TitleMahabal Malayasundari Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilakvijay, Jayanandsuri
PublisherEk Sadgruhastha
Publication Year
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy