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________________ [ ३९ ] भावा आपविजंति पण्णविनंति, परूविजंति, दंसिजंति, निदंसिजति, उवदंसिजंति, से एवं पाया, एवं नाया, एवं विएणोया, एवं चरणकरणपरूवणा प्राविजइ,सेत्तं विवाहे शासू०॥४६॥से किं तं नाया. धम्मकहाश्रो ? नायाधम्मकहासु णं नायाणं नगराई, उजाणाइं, चेइयाई, वणसंडाई, समोसरणाई,रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इढिविसेसा, भोगपरिचाया, पव्व ज्जाओ, परिप्राया, सुयपरिग्गहा, तवोवहाणाई, संलेहणाओ, भत्तपञ्चक्खाणाई, पात्रोवगमणाई, देवलोगगमणाई, सुकुलपञ्चायाईओ, पुणबोहिलाभा, अंतकिरियात्रो य प्रायविजंति, दस धम्मकहाणं वग्गा, तत्थ णं एगमेगाए धम्मकहाए पंच पंच अक्खाइयासयाई, एगमेगाए अक्खाइयाए पंच पंच उवाक्खाइया सयाई एगमेगाए उवक्खाइयाए पंच पंच अक्खाइयउवक्खाइयासयाइं एवामेव सपुव्वावरेणं अधुट्ठारो कहाणगकोडीअो हवंतित्ति समक्खायं । नायाधम्मकहाणं परित्ता वायणा, संखिजा अणुप्रोगदारा, संखिज्जा वेढा, संखिज्जा सिलोगा, संखिजारो निजत्तीओ संगहणीओ, संखिजानो पडिवतीनो । से एं अंगठ्ठयाए छठे अंगे, दो सुयक्खंधा,
SR No.022625
Book TitleNandisutra Mool Path
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChotelal Yati
PublisherChotelal Yati
Publication Year
Total Pages60
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nandisutra
File Size7 MB
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