SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 26
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ २४ ] मइए, अंतोमुहुत्तिया ईहा, अंतोमुहुत्तिए अवाए, धारणा संखेज वा कालं असंखेज्जं वा कालं ॥ सू०॥ ३४ ॥ एवं अट्ठावीसइविहस्स आभिणिबोहियनाणस्स वंजणुग्गहस्स परूवणं करिस्सामि पडियोहगदिलुतेण मल्लगदिढतेण । से किं तं पडिबोहगदिलुतेणं? पडिबोहगदिहतेणंसे जहानामए केइ पुरिसे कंचि पुरिसं सुत्तं पडिबोहिज्जा, अमुगा अमुगत्ति, तत्थ चोयगे पन्नवयं एवं वयासी-किं एगसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति ? दुसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति ? जाव दससमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति ?, संखिज्जसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छति ?, असंखिऊ समयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छति ?, एवं वयंतं चोयगं परणवए एवं वयासी-नो एगसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति, नो दुसमयपविठ्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति, जाव नो दससमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति, नो संखिज्जसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति, असंखिज्जसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति, से त्तं पडिबोहगदिलुतेणं । से किं तं मल्लगदिटुंतेणं ? मल्लगदिटुंतेणं से जहानामए केइ पुरिसे अावागसीसानो मल्लगं गहाय तत्थेगं उदगबिंदु पक्खेविज्जा
SR No.022625
Book TitleNandisutra Mool Path
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChotelal Yati
PublisherChotelal Yati
Publication Year
Total Pages60
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nandisutra
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy