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________________ (vi) जी महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ " आस्था और चिन्तन” के प्रबन्ध सम्पादक सम्यक्त्व रत्नाकर श्री सुमत प्रसाद जैन की सत्प्रेरणा के लिए भी मैं अत्यन्त आभारी हूँ । इस शोध कार्य की सम्पूर्णता के लिए मुझे अनेक दुर्लभ ग्रन्थ आर्कियॉलाजिकल पुस्तकालय, जनपथ, नई दिल्ली; साहित्य अकादमी पुस्तकालय, मन्डी हाउस, नई दिल्ली; दिल्ली पब्लिक लायब्रेरी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी मार्ग, दिल्ली तथा केन्द्रीय सन्दर्भ पुस्तकालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली से प्राप्त हुए हैं । तदर्थ में इन पुस्तकालयों तथा इनके अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रति आभारी हूँ। श्री जंगबहादुर खन्ना, असिटैन्ट लायब्रेरियन, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रति मैं विशेष आभार प्रकट करता हूँ कि उनके निस्वार्थ निरन्तर सहयोग से ही मुझे समय पर पुस्तकें प्राप्त हो सकीं । मेरे अभिन्न मित्र श्री अरुण कुमार बिन्जू, श्री वाचस्पति मौद्गल्य तथा सुश्री अलका प्रदीप का सतत उत्साहवर्धन इस ग्रन्थ की पूर्णता में एक सोपान बन गया । वे सभी धन्यवाद के पात्र हैं I दिवंगत पिता जी की अदृश्य प्रेरणा और आशीर्वाद सदा मेरे साथ रहे हैं, उनके प्रति मैं अपना सादर प्रणाम निवेदन करता हूं । पूजनीय माता जी का वात्सल्यपूर्ण आशीर्वाद जो मुझे सदा मिलता आया है उनके प्रति मैं नतमस्तक हूँ । अन्त में मैं ग्रन्थ के प्रकाशक श्री श्यामलाल मल्होत्रा का विशेष धन्यवाद प्रकट करता हूं जिनके सौजन्य से इस ग्रन्थ का प्रकाशन हो सका । अमर प्रिंटिंग प्रैस के अधिकारी विशेष रूप से बधाई के पात्र हैं जिनकी निष्ठा और लगन से पुस्तकीय दायित्व का सफल निर्वाह हो पाया है। I बहुत प्रयत्न करने पर भी पुस्तक में अनेक प्रकार की त्रुटियों के रहने की सम्भावना है, अत: तत्त्वग्राही उदार पाठक उन्हें स्वविवेक से सुधारकर ही ग्रहण करेंगे । दिल्ली, २०.१.२००० बिशन स्वरूप रुस्तगी
SR No.022619
Book TitleDhananjay Ki Kavya Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBishanswarup Rustagi
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year2001
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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