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________________ अंशुक - २४८, २६१ अकबर- ३९ अकलङ्कदेव-५०, ५२-५५, ५८ अक्षयकुमार-७८ अगरचन्द नाहटा - ४१ अगस्त्य - लोपामुद्रा सूक्त - ६ अगुरु चन्दन- २४१ अग्निवर्ण-३१ अंकगणित-२५३ शब्दानुक्रमणिका अङ्ग - ११४, १३९, १५० अङ्गीरस - ११४-१५ अजन्ता - १५० अजयपाल (चालुक्यराज) - ३९ अजातशत्रु-८२ अजितदेव सूरि- ९० अंजणा - सुन्दरीचरिय- २८ अट्ठकहा- २४ अणहिलवाड़ - ३७ अतिजगती - २०७ धृति २०८ - अतिशक्वरी - २०७ अतिशयोक्ति - १४४, १८९-९१, १९९ अत्यष्टि-२०७ अथर्ववेद - १३ अधिराज - २१९ अध्यापक- २४५, २५४ अनन्तकीर्ति-५२ अनन्तचतुष्टय-२५३ अनन्तनाथ-४८ अनन्तवीर्य-५२ अनन्तसूरि- ९१ अनहिलवाड़े - २४८ अनार - २४० अनुत्पाद्य - ९८ अनुप्रास - १५३, १५५, १७३, १९८ - अन्त्यानुप्रास - १५३-५४ - पदान्तगत- १५४ - पादान्तगत - १५४ - छेकानुप्रास-१५३ - लाटानुप्रास - १५३-५४, १७१ - वृत्त्यनुप्रास - १५३ - श्रुत्यनुप्रास - १५३-५४ अनुभाव - ११५ - २०, १२२- ३२, १३४, १३८-४४, १४६-४७ अनुलोम- प्रतिलोम - ४९, ८७, १८० अनुश्रुति-७ अनुष्टुप् - २०३, २०५ अनेकार्थनाममाला - ५७, ६०-६१, ६७, २६६-६७ अन्तरीय (कटिवस्त्र ) - २४८, २६१
SR No.022619
Book TitleDhananjay Ki Kavya Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBishanswarup Rustagi
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year2001
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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