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________________ द्विसन्धान-महाकाव्य का सांस्कृतिक परिशीलन २४५ ६. गोपिका (ग्वालिन) १ - सिर पर घड़ा उठाकर दही, घी आदि बेचने वाली ७. नट (अभिनेता)२ – नाटकादि में कार्य करने वाले ८. नटन्त्य (भडुए ) ३ - स्त्री वेश धारण कर जनता का मनोरंजन करने वाले ९. गायक (संगीतकार) ४ – संगीत बजाने वाले ४. ५. ६. १०. सूत (चारण) ५ – काव्यात्मक प्रशस्ति गाने वाला - ११. नर्तकी – नृत्य करने वाली १२. वेश्या' – वेश्यावृत्ति करने वाली १३. सार्थवाह' - बड़े व्यापारी १४. पुरोहित' – कर्मकाण्ड आदि कराने वाले १५. अध्यापक १० – अध्यापन कार्य करने वाले - १६. काव्यकार११ – काव्य-रचना करने वाले १७. चित्रकार १२ – चित्र बनाने वाले आवासीय -स्थिति मुख्यतया आवास की दो इकाइयाँ रही थीं- ग्राम तथा नगर । द्विसन्धान महाकाव्य में निगम नामक निवासार्थक संज्ञा भी उपलब्ध होती है । १३ प्राचीन १. द्विस, ४.४८ २. ३. वही, १.३० वही, ४.२२ वही वही, १.३० ७. वही, १.३४ ८. वही, १.१८ ९. वही, ३.९ १०. वही, १.३५ ११ . वही, १.४८ तथा ८.४८ १२. वही, ८.४४ १३. द्रष्टव्य - वही, वही, १.१८,४.२२ ४.४६
SR No.022619
Book TitleDhananjay Ki Kavya Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBishanswarup Rustagi
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year2001
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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