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________________ १०२ (क) विशद जिन वर्ण्य-विषयों का विशद वर्णन द्विसन्धान-महाकाव्य में हुआ है, वे हैं - सूर्यास्त', सूर्योदय', चन्द्रोदय, रात्रि, सन्ध्या', षड्-ऋतु', पर्वत, अटवी', कानन', नगर १०, समुद्र ११, नदी १२, उद्यानविहार १३, सलिलक्रीडा १४, मधुपान १५, रतोत्सव१६, कुमारोत्पत्ति१७, मन्त्रणा १८, दूतप्रेषण १९, सेनाप्रयाण २०, आक्रमण २१, युद्ध १२ और नायकाभ्युदय २३ । १. द्विस.,१७.२१-२३ वही, १७.८४-९० २. ३. वही, १७.३९-४० ४. वही, १७.४०-४८ ५. वही, १७.२५-३१ ६. वही, १२.७,१.१२-२४,७.३-१७ वही, ७.३२-३९ ७. ८. वही, ७.३०-३२ ९. वही, ७.३७-३९ १०. वही, १.१० - ५०,८.२५-२९ ११ . वही ८.२ - १८ १२. वही ४.४२,७.३३ १३. वही, १५.१-१६ १४. वही, १५.३३-५० १५. वही, १७.५४-६० १६. वही, १५.१८-३२ १७. वही, ३.११-१८,२८-३० १८. वही, सर्ग ११ १९. वही, सर्ग १३ २०. वही, सर्ग १४ सन्धान- कवि धनञ्जय की काव्य-चेतना २९. वही २२. वही, सर्ग १६ २३. वही, १८९९ - १०५
SR No.022619
Book TitleDhananjay Ki Kavya Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBishanswarup Rustagi
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year2001
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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