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________________ भाग्यशाली तरफथी नोकारशी पण थती. प्रतिष्ठा पछी मेलानो दिवस फा. सु. ५ (प्रतिष्ठादिन) निश्चित करवामां आव्यो छे. दर पूनमना दिवसे पण सादडी वाली लुणावा आदि गामोथी घणां माणसो यात्रा करवा आवे छे. प्रतिष्ठा पछी आ तीर्थनी जाहोजहाली घणी ज वधी छे. कोईक दिवस ज खाली जतो हशे के जे दिवसे कोई यात्रालु राणकपुरना आंगणे न आव्यो होय. तेवा विश्वविख्यात तीर्थ- तेमज तेमां उजवायेल अनुपम प्रतिष्ठा महोत्सव, वर्णन लखवा में यत्किचित्प्रयास कर्यो छे पण तेवी लोकोत्तर गुणविशिष्ट वस्तुनुं वास्तविक स्वरूप लखवा आ जड लेखनी क्यांथी सफल थई शके. आमां करेल वर्णन तो केवल दिग्दर्शन मात्र ज छे. प्रतिष्ठामहोत्सव, विशेषवर्णन शा. हस्तीमलजी कोठारीए 'श्री राणकपुर तीर्थप्रतिष्ठा दिग्दर्शन' नामना पुस्तकमां करेलुं छे. तेओए रचेला हिन्दी पद्योने वांचतां प्रतिष्ठासमयनु आबेहूब दृश्य आंख सामे खड़े थई जाय छे. पद्यो सरल अने रोचक होवा उपरांत अर्थलालित्यवाला छे. जेओनी प्रेरणा तेमज सहायताथी आ वर्णन लखवा प्रेरायो अने लखी शक्यो ते परमपूज्य परमोपकारी पंन्यासप्रवर श्री मेरूविजयजी गणिवर्य तथा पूज्यपाद गुरुवर्य पंन्यासप्रवर श्री देवविजयजी गणिवरने ज आ कृतिनुं सघलुं श्रेय घटे छे. जेमनी आर्थिक सहायताथी आ पुस्तक प्रकाशित थई रहेल छे ते सादडी श्री संघे करेल ज्ञान भक्ति खरेखर अनुमोदनीय छे. आ वर्णन लखवामां राणकपुरना मुनीमजी शा. हरगोवन भाईए आपेल तीर्थ सम्बन्धी माहिती तेमज 'राणकपुरनी पंचतीर्थी' विगेरेनो उपयोग कर्यो छे. अन्ते छद्मस्थपणाने लईने अगर मुद्रणदोषथी कांई पण अशुद्धि रही जवा पामी होय तो ते विशेषज्ञो सुधारीने वांचे तथा आवश्यक सुधारा अमने जणावी उपकृत करे. वि.सं. २०१२ विजयादशमी विनीतो नागजी भूधरनी पोल, अमदावाद मुनि हेमचन्द्रविजयः । श्रीकीर्तिकल्लोलकाव्यम् 167
SR No.022616
Book TitleVividh Haim Rachna Samucchay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemchandrasuri
PublisherShrutgyan Prasarak Sabha
Publication Year
Total Pages332
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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