SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 23
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दसवेत्रालियसुत्तं असणं पाणगं वा वि खाइमं साइमं तहा । 9 'श्रगणिम्मि होज्ज निक्खित्तं तं च संघट्टिया दए ॥ ६१ ॥ तं भवे भत्तपाणं तु संजयारण अकप्पियं । दितियं पडियाइक्खे न मे कप्पइ तारिसं ॥ ६२ ॥ एवं उस्सक्किया ओसक्किया उज्जालिया पज्जालिया निव्वाविया उरिचिया निम्सि चिया उच्चत्तिया ओयारिया दए ||६३ | तं भवे भत्तपाणं तु संजयारा अकप्पियं । दितियं पडियाइक्खे न मे कप्पइ तारिसं ॥ ६४ ॥ होज कट्ठे सिलं वा वि इट्टाले वा वि एगया । वियं संकमट्टाए तंच होज चलाचलं ।। ६५ ।। न तेण भिक्खू गच्छेज्जा दिट्ठो तत्थ श्रसंजमो । गम्भीरं सिरं चैव सर्विवदियस माहिए || ६६ ॥ निस्सेर्णि फलग पीढं उत्सवितारणमारुहे । मंचकील च पासायं समण्ट्ठाए व दावए ॥ ६७ ॥ दुरूहमाणी पवडेजा हत्थे पायें व लूसए । पुढ विजीवे विहिंसेजा जे य तं निस्सिया जगा ॥ ६८ ॥ एयारिसे महादोसे जाणिऊरण महेसि । १८ तम्हा मालोहडं भिक्ख न पडिगेण्हति संजया || ६६ || कंद मूल पलंबं वा श्रमं छिन्नं व सन्निरं । बागं सिंगवेरं च श्रमगं परिवजए ॥ ७० ॥ तहेव सत्चुचुरागाई कोलचुराई श्रवणे । सक्कुर्लि फाणियं पूयं अन्नं वा वि तहाविहं ॥ ७१ ॥ अज्भायरण ५-१ विक्कायमा पढे रएण परिफासियं । दितियं पडियारक्खे न से कपइ तारिसं ॥ ७२ ॥ १. तेउम्मि । २. जगे !
SR No.022614
Book TitleDashvaikalik Tatha Uttaradhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshchandra Maharaj
PublisherAtmaram Mohanlal Sheth
Publication Year1949
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_dashvaikalik, & agam_uttaradhyayan
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy