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________________ २४ उववाई सूतं त्तचरए ६) णिक्खित्तचरए (७) उक्खित्तणिक्खितचरए (E) णिक्खिनउक्खित्तचरए (६) वहिज्जमाणचरए (१०) साहरिजमाणचरए (११) उवणीयचरए (१२) अवणीयचरए (१३) उवणीय प्रवणीयचरए (१४) श्रवणीयउवणीयचरए (१५) संसठ्ठचरए (१६) असंसहचरए (१७) तज्जायसंसहचरए (१८) अण्णायचरए (१६) मोणचरए (२०) दिठ्ठलाभिए (२१) अदिठ्ठलाभिए (२२) पुठ्ठलाभिए (२३) अपुठ्ठलाभिए (२४) भिक्खलाभिए (२५) अभिक्खलाभिए (२६) अण्णगिलायए (२७) श्रोवणिहिए(२८) परिमियपिंडवाइए (२६) सुद्धसणिए (३०) संखायत्तिए, से तं भिक्वायरिया। .. से किं तं रसपरिच्चाए ? २ अणेगविहे पण्णत्ते तं जहा-(१) णिन्धि (य)तिए (२) पणीयरसपरिच्चाए (३)आयंबिलए(४)आयामसित्यभोई (५) अरसाहारे (६) विरसाहारे (9) अंताहारे (८) पंताहारे (६) लूहाहारे से तं रसपरिचाए। से किं तं कायकिलेसे ? २ अणेगविहे पएणत्ते, तं जहा-(१) ठाणटिइए (ठाणाइए) (२) उक्कुडुवा सणिए (३) पडिमठाई (४) वीरासणिए (५) नेसजिए दण्डायए लउडसाई. (.६) पायावए (७) अवाउडए (८) अकंडुयए, (8)
SR No.022612
Book TitleUvavai Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChotelal Yati
PublisherJivan Karyalay
Publication Year1936
Total Pages110
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aupapatik
File Size8 MB
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