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________________ [४३] देवलोगगमणाई सुकुल पञ्चायाईओ पुणबोहिलाभा अंत किरियाओ आपविजति नाया धम्म कहाणं दस धम्म कहाणं वग्गा तत्थणं एगमेगाए धम्मकहाए पंच पंच अक्खाहासयाई एगमेगाए अक्खाइआए पच पंच उवक्खाइआसयाइं एगमेगाए उवक्खाइआए पंच पंच अक्खाइ उवक्वाइआ सयाई एवमेव सपुव्वावरणं अट्ठाओ कहाणगकोडीओ हवंतित्ति समक्खायं नाया धम्मकहाणं परित्ता वायणा संखिजा अणुओगदारा संखिजा वेढा संखिज्जा सिलोगा संखिजाओ निज्जुत्तीओ संखिजाओ पडिबत्तीओ संखिज्जाओ संगहणीओ सेणं अंगट्टयाए छटे अंगे दो सुअक्खंधे एगूणवीसं अज्झयणा एगू. णवीसं उद्देसण काला एगूणविसं समुद्देसण काला संखिज्जा पयसहस्सा पयग्गेणं संखिज्जा अक्खरा अणंतागमा अणंता पज्जवा परित्ता तसा अणंता थावरा सासयकड निबद्ध निकाइया जिणपन्नत्ता भावा आघविजंति पन्नविजति परूविजंति दंसिति निदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति सेएवं आया सेएवं नाया सेएवं विन्नाया सेएवं चरण करण परूवणा आघविज्जइ । सेत्तं माया धम्म कहाओ ॥ ६॥ ।
SR No.022611
Book TitleNandisutra Mahatmya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherShah Maneklal Anupchand
Publication Year1923
Total Pages60
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nandisutra
File Size6 MB
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