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________________ [२६] छन्विहं पन्नत्तं तं जहा-साइंदिय ईहा चक्खिदिय ईहा घाणिदिय ईहा जिभिदिय ईहा फासिंदिय ईहा नोइंदिय ईहा तस्सण इमं एगढिा नाणाघोसा नाणावंजणा पंचनाम धिजा पन्नत्ता तं जहा आभो गणयां मग्गणयों गवेसणयाँ चिंता विमंसों सेतं इहा । सेकिंतं अवाए । अवाए छव्विहं पन्नत्तं तं जहा-सोइंदिय अवाए चक्खिदिय अवाए घाणिदिय अवाए जिभिदिय अवाए फासिदिय अवाए नोईदिय अवाए तस्सणं इमं एगहिआनाणाघोसा नाणावं जणा पंचनाम धिजा पन्नत्ता तं जहा आउदृणयों पचाउणयों अवाएँ बुद्धी विनाणे । सेत्तं अवाए । सेकिंतं धारणा । धारणा छव्विहं पन्नत्तं तं जहा सोइंदिय धारणा चक्खिदिय धारणा घाणिदिय धारणा जिभिदिय धारणा फासिदिय धारणा नो इंदिय धारणा तस्सणं इमं एगट्रिआ नाणाघोसा नाणावंजणा पंचनाम धिज्जा पन्नत्तं तं जहा धारणों साधारणा ठवणा पईट्टा कोटे सेत्तं धारणा । उग्गहे एक समयए अन्तो मुहुत्तिआ ईहा। अन्तो मुहुत्तिए अवाए । धारणा संखिजं वा कालं असंखिजं वा कालं । एवं अट्ठावीस इविहस्स आभिणि बोहिय
SR No.022611
Book TitleNandisutra Mahatmya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherShah Maneklal Anupchand
Publication Year1923
Total Pages60
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nandisutra
File Size6 MB
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