SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 49
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पन्नरसमं सयं 43 वज्जिहिइ जाव उध्वट्टित्ता सन्नीसु उववज्जिहिइ। तत्थ विणं सत्थवज्झे जाव किच्चा असन्नीसु उववज्जिहिइ। तत्थ वि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा दोच्चं पि इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पलिओवमस्स असंखेज्जइभागट्टिइयंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववज्जिहिइ । से णं तओ जाव उवट्टित्ता जाई इमाई खहयरविहाणाई भवंति, तं जहा 5 चम्मपक्खीणं, लोमपक्खीणं, समुग्गपक्खीणं, विययपक्खीणं, तेसु अणेगसयसहस्सक्खुत्तो उद्दाइत्ता २ तत्थेव २ भुज्जो २ पच्चायाहिए। सम्वत्थ वि णं सत्थवज्झे दाहवक्रतीए कालमासे कालं किच्चा जाई इमाई भुयपरिसप्पविहाणाई भवंति, तं जहा- गोहाणं, नउलाणं, जहा पन्नवणापए जाव जाहगाणं चउप्पाइयाणं, तेसु अणेगसयसहस्सखुत्तो 10 सेसं जहा खहचराणं जाव किच्चा जाई इमाई उरपरिसप्पविहाणाई भवंति, तं जहा- अहीणं, अयगराणं, आसालियाणं, महोरगाणं, तेसु अणेगसयसहस्स जाव किच्चा जाइं इमाइं चउप्पदविहाणाई भवंति, तं जहा-एगखुराणं, दुखुराणं, गंडीपदाणं, सणहपदाणं, तेसु अणेगसयसहस्स जाव किच्चा जाई इमाइं जलयरविहाणाई भवंति, तं जहा-15 मच्छाणं, कच्छभाणं जाव सुंसुमाराणं, तेसु अणेगसयसहस्स नाव किच्चा जाई इमाई चउरिदियविहाणाई भवंति, तं जहा- अंधियाणं, पोत्तियाणं, जहा पनवणापए जाव गोमयकीडाणं, तेसु अणेगसय जाव किच्चा, जाइं इमाई तेइंदियविहाणाई भवंति, तं जहा- उवचियाणं जाव हत्थिसोंडाणं, तेसु अणेग जाव किच्चा जाई इमाई बेइंदिय- 20 विहाणाई भवंति, तं जहा-पुलाकिमियाणं नाव समुद्दलिक्खाणं, तेसु अणेगसय जाव किच्चा, जाई इमाइं वणस्सइविहाणाई भवंति, तं जहारुक्खाणं गुच्छाणं आव कुहणाणं, तेसु अणेगसय जाव पञ्चायाइस्सइ । उस्सन्नं च णं कडुयरुक्खेसु कडुयवल्लीसु, सव्वत्थ वि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा, जाई इमाई वाउक्काइयविहाणाई भवंति, तं जहा- पाईण-25
SR No.022609
Book TitleBhagwati Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN V Vaidya
PublisherGodiji Jain Temple and Charities
Publication Year1954
Total Pages90
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, & agam_anuttaropapatikdasha
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy