SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 60
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तन्दुलचारिक प्रकीर्णकम् W ०७ पउमकर-चरणकोमलंगुलितला नगनगर-मगरसागरचक्कंकघरंक-लक्खणं कियतला सुप्पइडिय-कुम्मचारुचलणा आणुपुव्वि सुजायपीवरंगुलिया उन्नयतणतंबनिडन हा संठियसु सिलिडगूढगुल्फा एणी कुरुविंदावत्तवहाण पुव्विजंघा समुग्गनिमग्ग- गूढजाणू गयससणसुजायसन्निभोरू वरवारण-मत्ततुल्लविक्कम विलासियगई सुजाय - वरतुरय- गुज्झदेसा आइण्णहयव्व निरुचलेवा पमुइय-वरतुरंय-सीहअइरेग-वहिय कडी साहयसोणंद - मुसल--दप्पणनिगरिय - वरकणगच्छरु - सरिसवरवइरवलियमज्झा गंगावत्त-पयाहिणावत्ततरंगभंगुर - रविकिरणतरुणबोहिय विकोसायंतपउमगंभीरविग्रडनाभा उज्जुय समसहिय- सुजायजच्चतणुकसिण-निडआइज - लडह सुकुमाल - मउयरमणिजरोमराई झसविहग सुजाय- पीणकुच्छी झसोयरा पउमवि - गडनाभा संगयपासा सन्नयपासा सुंदरपासा सुजायपासा मियमाइयपीण-रईयपासा अकरंडुय-कणयरुयग-निम्मल सुजाय-निरुवहयदेहधारी पसत्थबत्तीस लक्खणधरा कणगसिलायलुञ्जल-पसत्थसमतलउवयि विच्छिन्नपिहुलवच्छा सिरिवच्छ कियवच्छा परवरफलिह-वहियभुया भुयगीसरविउल-भोगआयाण- फलिह उच्छूढ - दीहबाहू जुगसंनिभ-पीणरइय [ ५५ -
SR No.022607
Book TitleTandul Vaicharik Prakirnakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayjinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1986
Total Pages166
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_tandulvaicharik
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy