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________________ चूलिया १ दसवेआलियसुत्तं. जया ओहाविओ होइ इंदो वा पडिओ छमं । सव्वधम्मपरिब्भहो स पच्छा परितप्पइ ॥ २ ॥ जया य वंदिमो होइ पच्छा होइ अवंदिमो । देवया व 'च्चुया ठाणा स पच्छा परितप्पइ ॥ ३ ॥ जया य पूइमो होइ पच्छा होइ अपूइमो । राया व रज्जपब्भठो स पच्छा परितप्पइ ॥ ४ ॥ जया य माणिमो होइ पच्छा होइ अमाणिमो । 'सेहि व्व कब्बडे बूडो स पच्छा परितप्पइ ॥ ५ ॥ जया य थेरओ होइ समइक्कंतजोव्वणो । 3 मच्छो व्व गलं गिलित्ता स पच्छा परितप्पइ ॥ ६ ॥ जयाय कुकुडं बस्स कुतत्तीहिं विहम्मइ । हत्थी व बंधणे बद्धो स पच्छा परितप्यइ ॥ ७ ॥ “पुत्तदारपरिकिण्णो मोहसंताणसंतओ । पंकोसन्नो जहा नागो स पच्छा परितप्पइ ॥ ८ ॥ अज्ज याहं गणी होतो भावियप्पा बहुस्सुओ । जइ हं रमंतो परियाए सामण्णे जिणदेसिए ॥ ९५ देवलोगसमाणो उ परियाओ महेसिणं । रयाणं, अरयाणं च "महानरयसारिसा ॥ १० ॥ अमरोवमं जाणिय सोक्खमुत्तमं रयाण परियाए तहारयाणं । निरयोवमं जाणिय दुक्खमुत्तमं रमेज्ज तम्हा 'परियाय पंडिए ॥ १६ ॥ घम्माउ भवं सिरिओ अवेयं जन्नग्गिविज्झायमिवप्पतेयं । हीलंति णं दुव्विहियं कुसीला दादुडियं घोरविसं व नागं ॥ १२ ॥ इहेवधम्मो अयसो अकित्ती दुन्नामधेज्जं च पिहुज्जणग्मि । ५१ ४ स. १ ख. च. चुया. २ ख. सिद्धि व्व, च. सेट्ठी व ३ घ. कुक्कुडुंबस्स. कुतितीहिं; घ. कुतित्तीहिं. ५ घ. च. विहम्मई. ६ च पुत्तदारपरिकिन्नो. ७ घ. च. - महानिरयसालिओ. ८ ख. घ. परियाई; च. परिआइ ९ ख. घ. सिरिओ ववेयं..
SR No.022603
Book TitleDasaveyaliya Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK V Abhyankar
PublisherK V Abhyankar
Publication Year1938
Total Pages190
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size15 MB
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