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अ०१]
सुखविपाक सूत्रम्
त्तुरराणो धारिणीप देवीए कुच्छिसि पुत्तत्तए उववरणे । तए णं सा धारिणी देवी सय णिज्जंसि सुत्तजागरा अोहीरमाणी २ तहेव सीहं पासइ । सेसं तं चेव जाव उपि पासायवरगए विहरइ.। तं एवं खलु गोयमा ! सुबाहुणा कुमारे इमे एयारूवा मार्गुस्सरिद्धी लद्धा पत्ता अभिसमरणागया। पभू णं भन्ते! सुबाहुकमारे देवाणुपिया अंतिए मुंडे भवित्ता आगाराउ अरणगारियं पध्वात्तए ? हंता पभू। तए शं से भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ २ त्ता संजमेणं तवसा अप्पा भावेमाणे विहरह। ___ तए णं से समणे भगवं महावीरे अराणया कयाइ हत्थिसीसाउणयराउ पुप्फकरंडयाउ उजाणाउ कयवणमालप्पियस्स जक्खस्स जक्खायतणाउ पडिनिक्खमइ २त्ता बहिया जणवयविहार विहरइ । तर ए से सुब हुकुमारे समणोवासए जाए अभिगयजीवा जीवे जाव पडिलामेमाणे विहरइ। तए णं से सुबाहुकुमारे अराणया कयाइ च उदसट्टमुदिपुराणमासिणीसु जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता पोसहसाला पमजइ २त्ता उच्चारपासवरणं भूमि पडिलेहइ २त्ता दब्भसंथारगं संथरेइ २त्ता दब्भसंथारगं दुरूहइ २ त्ता अट्टमभत्तं पगिराहइ २ त्ता पोसहसालाए पोसहिए अट्ठमभत्तिए पोसहं पडिजागरमाणे विहरइ।
तए णं तस्स सुवाहुस्स कुमारस्स पुव्वरत्तावरत्तकाले धम्मजागरियं जागरमाणस्ल इमे एयारूवे अज्झथिए ५ समुप्पन्न-धराणा णं ते गामागरणगर जाव सन्निवेसा जत्थ णं समणे भगवं महावीरे विहरइ । धन्ना र ते राईसर जाव सस्थवाहपभइउ जे णं समणस्स भगवो महावीरस्स अंतिए मुंडे भवित्ता आगाराउ अणगारियं पब्वयंति, धराणा ते राईसर