SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 324
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीअणुत्तरोववाइसूत्र ] [ २५७ पायंगुलियाओ सुक्काश्रो जाव णो मंससोणियन्ताए ॥ २० ॥ धन्नस्ल अणगारस्स जंघाणं अयमेयारूवे से जहानाम कंकजंघाइ वा, काकजंघाइ वा, ढेणिया लिया जंघाइ वा, एवं जाव सोणियत्ताए ॥ २१ ॥ धनस्त गं जाणं अयमेयारूवे से जहानामए-कालिपोरेह वा, मयूरपोरेह वा, ढेणिया लियापोरे वा, एवं जाव सोणियत्ताए ।। २२ । धन्नस्सणं उरूणं-जहा नामए सामकरिल्लेह वा, बोरिकरिलेइ वा सल्लइयकरिलेइ वा, सामलिंकरिल्लेह प्रा, तरुणिया छिन्ना उन्हे दिरणा जाव चिट्ठइ, एवामेव धन्नस्स उरूगं जाव सोणियन्ताए ॥ २३ ॥ - ·P धन्नस्सां कडिपत्तस्स इमेयारूवे, से जहा नामए उट्टपाएर, वा, जरग्गपाएड़वा, महिलपाएइ वा जाव णो सोशियत्त | ए ॥ २४ ॥ धन्नस्ल गं उदरभ । यणस्स अयमेयारूवे से जहा नामएसुक्क दिए इवा, भज्जराय कभल्ल इवा, कटुकोलंबएहवा, एवामेव उदरस्रुक्कं ।। २५ । धनस्सां पांसु लिया कड्याणं श्रयमेयारूवे से जहा नामएथासयावलीइ वा, पाणावलीइ वा, मुंडावलीइ वा, एवामेव ॥ २६ ॥ धन्नस्त पिटुकरंडगाणं श्रयमेयारूवे से जहा नामए-कनावल्लीइ वा, गोलावलीइ वा, वट्टावली वा, एयामेव० ॥ २७॥ : धराणस्स उरकडयस्स श्रयमेयारूवे से जहा नामए-चित्तकट्टरे वा, वियणपत्रोह वा, तालियंट व रोइ वा, एवामेव ॥२८॥ 2
SR No.022602
Book TitleJivan Shreyaskar Pathmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKesharben Amrutlal Zaveri
PublisherKesharben Amrutlal Zaveri
Publication Year
Total Pages368
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy