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________________ २५४] [जीवन-श्रेयस्कर-पाठमाला तत्थ णं काकन्दीए नयरीए भद्दा णाम सत्थवाही परिवसइ, अड्डा जाव अपरिभूया ।।५।। तीसे ण भद्दए सत्थवाहीए पुत्ते धन्न नाम दारए होत्था अहीण जाव सुरूवे, पंचधाई-परिग्गहिए, तंजहा-खीरधाइए जहा महब्बलो जाव बावत्तरि कलाओ अहिए जाच अलं भोगसमत्थे जाए यावि होत्था ॥ ६ ॥ तए णं स। भद्दा सत्थवाही धरणद रयं उम्मुक्कबालभावं जाव भोगसमत्थं जाणित्ता, वत्तीसं पासायवडिसए कारेइ अब्भुग्गयमूसिए जाव तेसिं मज्झे प्रणेग-भवण --खभ-सयसन्निविटुं जाव बत्तीसाए इब्भवरकन्नगाणं एगदिवसे रंग पाणिंगिराहावेइ २ त्ता बत्तीसाओ दाओ जाव उधि पासायडिंसए फुट्टतेहिं मुइंगमत्थएहिं जाव विहरइ ॥ ७॥ तेणं कालेण तेण समएणं समणे भगवं महावीरे समोसढे, परिसा निग्गया, जहा कोणिो तहा जियसत्तू णिग्गो ॥ ८॥ तए णं तस्स धराणस्स तं महया जणसइं जहा जमाली तहा णिग्गो , गवां पायचारेणं जाव जं गवां अम्मयं भदं सत्थवाहिं आपुच्छामि, तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतिए जाव पव्वयामि, जाव जहा जमाली तहा श्रापुच्छइ, मुच्छिया, वुत्तपडिवुत्तया, जहा महबले जाव जाहे नो संचाइया, जहा थावच्चापुत्ते तहा जियसत्तूं आपुच्छइ, छत-चामराओ, सयमेव जियसत्तू निक्खमणं करेइ; जहा थावच्चापुत्तस्स कण्हो, जाव पवइए, अणगारे जाए, ईरियासमिए जावगुत्तबंभयारी ॥६॥
SR No.022602
Book TitleJivan Shreyaskar Pathmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKesharben Amrutlal Zaveri
PublisherKesharben Amrutlal Zaveri
Publication Year
Total Pages368
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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