SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 101
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ''श्रीदशाश्रुतस्कंधे भिक्षु-प्रतिमा-अध्ययनम्-७ भिक्खुपडिमा, (७) सत्त-मासिया भिक्खुपडिमा, (८) पढमा सत्त-रातिंदिया भिक्खुपडिमा, (९) दोच्चा सत्तरातिंदिया भिक्खुपडिमा, (१०) तच्चा सत्तरातिंदिया भिक्खुपडिमा, (११) अहोरातिन्दिया भिक्खुपडिमा, (१२) एगरातिया भिक्खुपडिमा । मासियण्णं भिक्खुपडिम पडिवन्नस्स अणगारस्स निच्चं वोसट्ठकाए चियत्तदेहे जे केइ उवस्सग्गा उप्पज्जंति तं (जधा) दिव्वा वा माणुस्सा वा तिरिक्ख-जोणिया वा ते उप्पन्ने सम्मं सहति खमति तितिक्खति अधियासिति । मासियण्णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स कप्पति एगदत्ती भोयणस्स पडिगाहेत्तए एगा पाणगस्स अन्नाउंच्छं सुद्धोवहडं निज्जूहित्ता बहवे दुपय-चउप्पय-समण-माहण-अतिहि-किवण-वणीमए कप्पति से एगस्स भुंजमाणस्स पडिग्गाहेत्तए, नो दोण्हं नो तिण्हं नो चउण्हं, नो पंचण्हं, नो गुविणीए, नो बालवच्छाए, नो दारगं पेज्जमाणीए, नो अंतो एलुयस्स दोवि पाए साहट्ट दलमाणीए, नो बाहिं एलुयस्स दोवि पाए साहट्ट दलमाणीए, एगं पादं अंतो किच्चा एगं पादं बाहिं किच्चा एलुयं विक्खंभयित्ता एवं दलयति एवं से कप्पति पडिग्गाहेत्तए, एवं से णो दलयति एवं नो कप्पति पडिग्गाहेत्तए । ___ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स तओ गोयरस्स काला पन्नत्ता तंजहा-आदि-मज्झे चरिमे, आदि चरेज्जा णो मज्झे चरिज्जा णो चरिमे चरेज्जा, मज्झे चरिज्जा नो आदि चरेज्जा नो चरिमं चरेज्जा, चरिमं चरेज्जा नो आदि चरेज्जा नो मज्झे चरिज्जा । मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स छविधा गोयरचरिया पन्नत्ता तं (जधा)-'पेला, अद्धपेला, गोमुत्तिया, "पयंगविधिया, "संबुक्कावट्टा, "गंतुंपच्चागता । मासियं णं भिक्खपडिम पडिवन्नस्स अणगारस्स जत्थ केति जाणति गामंसि वा जाव मंडसि वा कप्पति से तत्थ एगरायं वसित्तए, जत्थ केइ न जाणति कप्पति से तत्थेगरातं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पति एगरायातो वा दुगरायातो वा परं वत्थए, जे तत्थ एगरायातो वा दुगरायातो वा परं वसति से संतराछेदे वा परिहारे वा । aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaal ६८ dddddddddddddda
SR No.022580
Book TitleDashashrut Skandh Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKulchandrasuri, Abhaychandravijay
PublisherJain Shwetambar Murtipujak Sangh
Publication Year2007
Total Pages174
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashashrutaskandh
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy