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________________ शब्दार्थ - जयं जयणा से चरे गमन करते जयं जयणा से चिट्ठे खड़े रहते जयमासे जयणा से बैठते जयं जयणा से सए सोते जयं जयणा से भुंजंतो भोजन करते और जयणा से भासतो बोलते हुए पावकम्मं पापकर्म को न बंधइ नहीं बाँधते हैं। सुधर्मास्वामी फरमाते हैं कि हे जम्बू ! ईर्यासमिति सहित जयणा से गमन करते, खड़े रहते, बैठते, सोते हुए, एषणा समिति सहित जयणा से भोजन करते हुए और भाषा समिति सहित जयणा से परिमित बोलते हुए पाप-कर्म का बन्ध नहीं होता । " सभी आत्मा को स्वात्म सम मानना " सव्वभूयप्पभूअस्स, सम्मं भूयाई पासओ । पिहिआसवस्स दंतस्स पावकम्मं न बंधड़ ॥ ९ ॥ शब्दार्थ- सव्वभूयप्पभूअस्स सभी जीवों को आत्मा के समान समझने वाले सम्मं अच्छे प्रकार से भूयाइं समस्त प्राणियों को पासओ देखने वाले पिहिआसवस्स आश्रव द्वारों को रोकनेवाले दंतस्स इन्द्रियों को दमने वाले साधु साध्वियों को पावकम्मं पापकर्म कान बंधइ बन्ध नहीं होता है। जो साधु साध्वी आश्रवद्वारों को रोकने, इन्द्रियों को दमने, सभी जीवों को आत्मा के समान समझने और देखने वाले हैं उनको पापकर्म का बंध नहीं होता । ज्ञान की महत्ता पठमं नाणं तओ दया, एवं चिट्ठइ सव्वसंजए। अन्नाणी किं काही, किं वा नाही सेयपावगं ॥ १० ॥ शब्दार्थ- पढमं पहले नाणं जीव, अजीव आदि तत्त्वों का ज्ञान तओ उसके बाद दया संयम रूप क्रिया है एवं इस प्रकार ज्ञान और क्रिया से चिट्ठए रहता हुआ साधु सव्वसंजए सर्व प्रकार से संयत होता है अन्नाणी जीव अजीव आदि तत्त्वज्ञान से रहित साधु किं काही क्या करेगा वा अथवा सेयपावगं पुण्य और पाप को किं नाही क्या समझेगा ? पहले ज्ञान और बाद में दया याने संयम रूप क्रिया से युक्त साधु सभी प्रकार से संयत कहलाता है। ज्ञानक्रिया से रहित साधु पुण्य और पाप के स्वरूप को नहीं जान सकता । पावनं । सोच्चा जाणइ कल्लाणं, सोच्चा जाणइ उभयंपि जाणइ सोच्चा, जं सेयं तं समायरे ॥ ११ ॥ शब्दार्थ- सोच्चा आगमों को सुन करके कल्लाणं संयम के स्वरूप को जाणइ जानता है सोच्चा आगमों को सुन करके उभयं पि संयम और असंयम को जाणए जानते हुए साधु जं जो सेयं आत्महितकारी हो तं उसको समायरे आचरण करे । श्री दशवैकालिक सूत्रम् / ३७
SR No.022576
Book TitleDashvaikalaik Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherGuru Ramchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages140
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size12 MB
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