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________________ य दौतों को शाहपलायणा य दाँतों को धोकर साफ रखना १५, संपुच्छणे गृहस्थों को शाता पूछना, या कुशल सबन्धी पत्र लिखना १६, य और देहपलोयणा काँच आदि में शरीर, मुख, आदि की शोभा देखना १७. अट्ठावए य नालीए, छत्तस्स य धारणहाए। तेगिच्छं पाहणा पाए, समारंभं च जोइणो॥४॥ शब्दार्थ-अट्ठावए य क्लिायती चोपड़ खेलना १७, नालीए गंजीफा, शतरंज वगैरह जुआ खेलना १९, छत्तस्सय धारणट्ठाए रोगादि महान् कारण बिना भी छाता आदि लगाना २०, तेगिच्छं ज्वरादि रोग नाशक जीविका करना २१, पाहणा पाए पैरों में जूता, बूट, मौजा आदि पहनना २२ च और जोइणो समारंभ अग्नि का आरंभ समारंभ करना २३. सिजायरपिंडं च, आसंदी पलियंकए। गिहतर निसिजाए, गायस्सुवट्टणाणि य॥५॥ शब्दार्थ-सिजयरपिंडं च उपाश्रय, धर्मशाला, मकान, आदि में उतरने की आज्ञा देनेवाले गृहस्थ के घर से आहार वगैरह लेना २४, आसंदीपलियंकए चटाई, गादी, जाजम, आदि पर बैठना २५, पलंग, खाट, मांची, डोली आदि पर बैठना २६, गिहतरनिसिजाए दो घरों के बीच या उपाश्रय के बाहर दूसरों के घर में शयन करना २७, य और गायस्सुवट्टणाणि शरीर को कोमल या स्वच्छ बनाने के लिये पीठी आदि उबटन करना २८. गिहिणो वेयावडियं, जा य आजीववत्तिया। तत्तानिव्वुडभोइत्तं, आउरस्सरणाणि य॥६॥ शब्दार्थ-गिहिणो गृहस्थों की वेयावडियं काम काज आदि सेवा करना २९, जा य आजीववत्तिया और अपने जाति, कुल, शिल्प, कला आदि प्रकाशित करके आजीविका करना अर्थात आहार आदि लेना ३०, तत्तानिव्वुडभोइत्तं तीन उकाले बिना का मिश्र जल पीना ३१, ये और आउरस्सरणाणि मनोनुकूल भोजन न मिलने से मृहस्थावस्था में खाए हुए भोजन को याद करना, या रोगादिसे पीड़ित लोगों को आश्रय देना ३२. मूलए सिंगबेरे य, उच्छुखंडे अनिव्वुडे। कंदे मूले य सच्चित्ते, फले बीए य आमए॥७॥ शब्दार्थ-अनिव्वुडे बिना अचित्त किया हुआ मूलए मूला लेना. ३३, सिंगबेरे य कच्चा = सचित्त अदरख लेना ३४ उच्छुखंडे सभी जाति की सेलड़ी या उसके छीले हुए टुकड़े लेना ३५, सच्चित्ते सचित्त कंदे मूले य सकरकंद, गाजर, आलू, गोभी, आदि जमीकन्द लेना ३६, आमए सचित्त फले काकड़ी, आम, जामफल आदि फल लेना ३७, य और बीए तिल, ऊंबी, ज्वारं, चना, आदि सचित्त बीज ग्रहण करना ३८. श्री दशवैकालिक सूत्रम् / १४
SR No.022576
Book TitleDashvaikalaik Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherGuru Ramchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages140
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size12 MB
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