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________________ ( १३ ) ( वर्तमान में भा. सुशीलसूरि ) तथा मुनि श्री महिमाप्रभ विजयजी ( वर्त्तमान में प्राचार्य श्रीमद् विजय महिमाप्रभसूरिजी म. ) प्रादि प्रकरण, कर्मग्रन्थ तथा तत्त्वार्थसूत्र आदि का ( टीका युक्त वांचना रूपे) अध्ययन कर रहे थे । मैं प्रतिदिन प्रातः काल में "नवस्मरण प्रादि सूत्रों का व एक हजार श्लोकों का स्वाध्याय करता था । उसमें पूर्वधरवाचकप्रवर श्री उमास्वाति महाराज विरचित 'श्रीतत्त्वार्थसूत्र' भी सम्मिलित रहता था । इस महान् ग्रन्थ पर पूज्यपाद प्रगुरुदेवकृत 'तत्त्वार्थ त्रिसूत्री प्रकाशिका' टीका का अवलोकन करने के साथ-साथ 'श्रीतत्त्वार्थ सूत्र भाष्य' का भी विशेष रूप में अवलोकन किया था । प्रति गहन विषय होते हुए भी प्रत्यन्त श्रानन्द प्राया । अपने हृदय में इस ग्रन्थ पर संक्षिप्त लघु टीका संस्कृत में भौर सरल विवेचन हिन्दी में लिखने की स्वाभाविक भावना भी प्रगटी । परमाराध्य श्रीदेव- गुरु-धर्मं के पसाय से और अपने परमोपकारी पूज्यपाद परमगुरुदेव एवं प्रगुरुदेव आदि महापुरुषों की प्रसीम कृपादृष्टि और अदृष्ट आशीर्वाद से तथा मेरे दोनों शिष्यरत्न वाचकप्रवर श्री विनोद विजयजी गणिवर एवं पंन्यास श्री जिनोत्तमविजयजी गणि की जावाल [ सिरोही समीपवर्ती ] में पंन्यास पदवी प्रसंग के महोत्सव पर की हुई विज्ञप्ति से इस कार्य को शीघ्र प्रारम्भ करने हेतु मेरे उत्साह और मानन्द में अभिवृद्धि हुई । श्रीवीर सं. २५१६, विक्रम सं. २०४६ तथा नेमि सं. ४१ की साल का मेरा चातुर्मास श्री जैनसंघ, धनला की साग्रह विनंति से श्री धनला गाँव में हुआ । इस चातुर्मास में इस ग्रन्थ की टीका और विवेचन का शुभारम्भ किया है । इस ग्रन्थ की लघु टीका तथा विवेचनादियुक्त यह प्रथम - पहला प्रध्याय है । इस कार्य हेतु मैंने श्रागमशास्त्र के अवलोकन के साथ-साथ इस ग्रन्थ पर उपलब्ध समस्त संस्कृत, गुजराती, हिन्दी साहित्य का भी अध्ययन किया है और इस अध्ययन के आधार पर संस्कृत में सुबोधिका लघु टीका तथा हिन्दी विवेचनामृत की रचना की है । इस रचना-लेख में मेरी मतिमन्दता एवं अन्य कारणों से मेरे द्वारा मेरे जानते
SR No.022535
Book TitleTattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tika Tatha Hindi Vivechanamrut Part 07 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushil Sahitya Prakashan Samiti
Publication Year2001
Total Pages268
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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