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________________ ६० ] श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रे [ हिन्दी पद्यानुवाद * पाँच व्रत के प्रतिचार * 卐 मूलसूत्रम् बन्ध-वध-विच्छेदातिभारारोपणानपान-निरोधाः ॥ ७-२० ॥ मिथ्योपदेश-रहस्याभ्याख्यान-कूटलेखक्रियान्यासापहार-साकारमन्त्रभेदाः ॥ ७-२१ ॥ स्तेनप्रयोग-तदाहृतादान-विरुद्धराज्यातिक्रमहोनाधिकमानोन्मान-प्रतिरूपक व्यवहाराः ॥ ७-२२ ॥ परविवाहकरणे-त्वरपरिगृहीता-परिगृहीतागमना-नंगक्रीडा-तीवकामाभिनिवेशाः ॥ ७-२३ ॥ क्षेत्रबास्तु-हिरण्यसुवर्ण-धनधान्य-दासी-दास कुप्यप्रमाणातिकमाः ॥७-२४ ॥ * हिन्दी पद्यानुवाद बन्ध वध और छविच्छेद, अतिभार अारोपणा । अन्न पान निरोध पांचों, अतिचार की विडम्बना ।। अतिचार तजते प्रथम व्रत के, शुद्ध मन मुनि मुदमना । अन्य दूसरे व्रत ध्यान कर, दोष त्यागे सद्मना ।। ११ ।। उपदेश झूठा अाल देते, कूट-लेख लिखते । तथा थापणो अोलवते, गुप्त वात प्रकाशते ।। अतिचार त्यागी धर्मरागी, व्रत दूसरे को प्रादरे । सत्यवादी सत्यवदता, कीत्ति चहुँदिशि विस्तरे ॥ १२ ।। तथा चोर को सहाय करते, अदत्त वस्तु लावते । दाणचोरी कूटतोला, कूट मापा भी रखते ।। वस्तु में कर भेल बेचे, ये मूर्ख की व्यवहारता । स्वीकारता अतिचार की तो, गुणशून्यता ही धारता ॥ १३ ॥
SR No.022535
Book TitleTattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tika Tatha Hindi Vivechanamrut Part 07 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushil Sahitya Prakashan Samiti
Publication Year2001
Total Pages268
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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