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पावन भूमि !
जिनशासन प्रेमी श्री
महान आयोजन!!
'सादर जय जिनेन्द्रपूर्वक प्रणाम ।
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श्री अष्टापद तीर्थ का निर्माण श्री रानी स्टेशन पर श्री राणकपुर-गोड़वाड़ पंचतीर्थ की मुख्य सड़क पर सुकड़ी नदी के किनारे पर उत्तर दिशा में होने जा रहा है यह पावन भूमि श्री वरकाणा रोड पर स्थित करीब ५१ हजार वर्ग फीट में स्थित है। आराधना-साधना योग्य बहुत ही सुन्दर भूमि है। यह जमीन तीर्थनिर्माण हेतु श्री अचलचन्दजी हजारीमलजी तलेसरा ने गाँव को प्रदान की है। शासनसम्राट् प. पू. आचार्यमहाराजाधिराज श्रीमद्विजय नेमि - लावण्य-दक्ष. सूरीश्वरजी म. सा.. के पट्टधर राजस्थानदीपक, प्रतिष्ठाशिरोमणि प. पू. आचार्यभगवन्त श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. एवं पू. पंन्यासप्रवर श्री जिनोत्तम विजय जी गणिवर्य म. ने श्री चौमुख जी भगवान की प्रतिष्ठा के समय श्रीसंघ को श्री अष्टापद तीर्थ-निर्माण हेतु शुभ प्रेरणा दी थी।
पूज्य उपकारी गुरुदेवों की महान् प्रेरणा व मार्गदर्शन से श्रीसंघ ने श्री अष्टापद जैन तीर्थ, सुशील विहार का नव निर्माण करवाने का मंगलकारी निर्णय किया है। एवं श्रीसंघ द्वारा गठित निर्माण समिति द्वारा कार्य प्रारम्भ हो गया है।
अपूर्व अवसर!!!
विलुप्त श्री अष्टापद तीर्थ को मूर्त रूप देने के लिए समस्त भारत के गौरव रूप श्री गोड़वाड़ पंचतीर्थ यात्रा की सड़क पर यह भव्य निर्माण होने जा रहा है। शास्त्रों में उपलब्ध वर्णन के आधार पर २४ तीर्थंकरों के वर्ण एवं आकार के अनुरूप प्रतिमाएँ इस अभिनव तीर्थ का मुख्य आकर्षण होंगी ।
हमें पूर्ण विश्वास है कि आप इस तीर्थ की वन्दना कर जहाँ मंत्र-मुग्ध हो जायेंगे, वहीं श्री अष्टापद तीर्थ वन्दना का पुण्य लाभ भी संचित कर पायेंगे।
जिन शासन देव की महान् कृपा
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हमारा पुरुषार्थ
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आपका सहयोग