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श्री जैन धर्म दिवाकर प.पू. आचार्य श्री सुशील सूरि जी म.सा.
महापुरुषों के विषय में महर्षि भर्तृहरि ने कहा है: अलंकार : भुवः निस्सन्देह वे धरती के अलंकार होते हैं। उनका समस्त जीवन लोक-कल्याण के लिए समर्पित होता है। ऐसी ही लोक-मंगल-विभूति जैन धर्म दिवाकर आचार्य श्री सुशील सूरि जी हैं। उन्होंने अपना जीवन मानवीय मूल्यों को मानव समाज में प्रतिष्ठित करने के लिए अर्पित किया है। पूज्य आचार्यश्री ने अपने उदात्त मिशन के क्रियान्वयन हेतु पंचसूत्री कार्यक्रम बनाया है।