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पृष्ट त० जना
प्रष्ट
विषय
सूत्र संख्या
ऽऽगम
समन्बय माषा सूत्र
पुण्य तथा पाप प्रकृतियां
२५-२६ १-४७
१९८ २००
२०१
८-१७
२०५
नवम अध्याय संवर का लक्षण संवर के कारण निर्जरा के कारण तीन गुप्तियां पांच समितियाँ दश धर्म बारह भावनाएं बाईस परीषह जय पांच प्रकार का चारित्र बारह प्रकार के तपों का वर्णन ध्यान का वर्णन चार प्रकार के आर्तध्यान चार प्रकार के रौद्रध्यान धर्म ध्यान के चार भेद चार प्रकार के शुक्ल ध्यान का वर्णन निर्जरा का परिमाण मुनियों के भेद
दशम अध्याय केवल ज्ञान का उत्पत्ति क्रम मोक्ष प्राप्ति क्रम ऊर्ध्व गमन का कारण
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१९-२६ २७-२६ ३०-३४
२१४ २१८
२१६
२२१
३७-४४
२२३
२२७
४६-४७
"
१-६
२७८
१
२३१