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________________ 4 ॥देवाधिदेवश्री संभवनाथाय नमः ॥ ॥ नमो नमः श्री लब्धिसूरये ॥ जा : शुभाशिष : विटा संघना उपकारी, श्री संभवनाथप्रभुना प्रतिष्ठाचार्य श्रीमद्विजय पुण्यानंदसूरीश्वरजी महाराजा प्रेरणा : गणिवर विक्रमसेनविजय म.सा. वि.सं. २०६८ वर्षे पू. साध्वीवर्या उदयप्रभाश्रीनी निश्रामां पर्युषणपर्वनी आराधनामां ज्ञानद्रव्यनी उपजमांथी विशिष्ट निधि अर्पण करी ज्ञान प्रकाशननो लाभ लीधो. : अनुमोदना: श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ वर्धमान सेवा समिति विटा (सांगली), महाराष्ट्र als ॥श्री मुनिसुव्रतस्वामिने नमः ॥ ॥श्री लब्धिसूरये नमो नमः॥ या ज्ञा ज्ञानद्रव्य- दीधुं दान... उपकार मानीये तमारो महान... शुभाशिष : पू. तपागच्छाचार्य लब्धिसूरीश्वरजी महाराजाना समुदायना पू. सूरिमंत्रआराधक आचार्यश्री पुण्यानंदसूरीश्वरजी महाराजा प्रेरणा : गणिवर विक्रमसेनविजय म.सा. अनुमोदक : श्री मुनिसुव्रतस्वामी जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट लक्ष्मीपुरी-कोल्हापुर (महाराष्ट्र) 20
SR No.022495
Book TitleTattvanyaya Vibhakar Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLabdhisuri, Bhadrankarsuri, Vikramsenvijay
PublisherLabdhibhuvan Jain Sahitya Sadan
Publication Year2013
Total Pages814
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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