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________________ प्रकाशकीय श्री जिनशासन के परम तेजस्वी अधिनायक महामहिम सूरिसम्राट् आचार्यदेव श्रीमद् विजयरामचन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. के पट्टालंकार सौभाग्यनिधि पूज्यपाद आचार्यदेवेश श्रीमद् विजयमहोदयसूरीश्वरजी म. सा. के पुण्यनाम से ट्रस्ट की और से 'श्रीविजयमहोदयसूरिश्वरजी म. ' ग्रन्थावली प्रारम्भ की गई है। पूजनीय गच्छाधिपति सूरिभगवन्त इसी साल काल के धर्म को प्राप्त हुए । ट्रस्ट का यह सौभाग्य रहा की ग्रन्थमाला के प्रथम तीन ग्रन्थ का विमोचन पूजनीय सूरिभगवन्त की पावन निश्रा में सम्पन्न हुआ । इस ग्रन्थमाला के प्रधान प्रेरक प्रभावक प्रवचकार पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजयहेमभूषणसूरीश्वरजी म. सा. है । श्री भेरुलालजी कनैयालालजी कोठारी रिलि. ट्रस्ट, मुंबई (चंदनबाला )ने ज्ञानराशि का व्यय करके उत्तम लाभ लिया है। श्री संघ कृत श्रुतभक्ति की बहुत अनुमोदना । ज्ञाननिधि से प्रकाशित इस पुस्तक का उपयोग करने से पहेले गृहस्थ वर्ग ज्ञानद्रव्य में उचित मूल्य अवश्य प्रदान करें यही विनंति । 3 प्रवचन प्रकाशन
SR No.022471
Book TitleShaddarshan Samucchay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVairagyarativijay
PublisherPravachan Prakashan
Publication Year2002
Total Pages146
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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