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________________ -३१] वेदप्रामाण्यनिषेधः ८५ पगमात् । अथ नैयायिकादिभिश्चोदनानां सर्वज्ञप्रणीतत्वाभ्युपगमात् तन्मते तासां दोषवर्जितत्वसंभवात् तजनिता बुद्धिः प्रमाणं भविष्यतीति चेन्न । तैरुक्तभर्गादीनां सर्वज्ञत्वाभावस्य प्रागेवर प्रमाणेन प्रतिपादितत्वात्। अथापौरुषेयत्वेन चोदनानां दोषवर्जितत्वसंभवात् तज्जनिता बुद्धिः प्रमाणमिति चेन्न। चोदनानामपौरुषेयत्वस्य प्रागेव प्रबन्धेन प्रतिषिद्धत्वात्। . ननु वेदाः प्रमाणम् अबाधितविषयत्वात् आयुर्वेदवदिति वेदानां प्रामाण्यसिद्धिरिति चेन्न। अबाधितविषयत्वस्य हेतोरसिद्धत्वात्। तथा हि। 'आत्मनः आकाशः संभूत' इत्यादिदशोपनिषद्वाक्यानां नैयायिकवैशेषिकैर्बाधितत्वात्। विश्वतश्चक्षुरित्यादीनां वेदान्तिभिर्बाधितत्वात् । तदुभयेषां मीमांसकैर्बाधितत्वात् । 'अलावूनि मज्जन्ति, ग्रावाणः प्लबन्ते, अन्धो मणिमविन्धत् तमनगुलिरावयत्', (तैत्तिरीयारण्यक १-११-५) उत्ताना वै देवगवा वहन्ति' (आपस्तम्ब श्रौतसूत्र ११-७-६) इत्यादिवाक्यानां सकलयौक्तिकैर्बाधितत्वात् अबाधितविषयत्वादित्यसिद्धो हेत्वाभासः। आयुर्वेदे अबाधितविषयत्वाभावात् साधनविकलो दृष्टान्तश्च । निर्मित मानते हैं अतः उन के प्रमाण होने में क्या हानि है ? उत्तर यह है कि नैयायिक जिस ईश्वर को मानते हैं वह सर्वज्ञ नही हो सकता यह हमने पहले ही स्पष्ट किया है । वेद अपौरुषेय हैं अतः निदोष हैं यह कथन भी ठीक नही क्यों कि वेद अपौरुषेय नही हो सकते यह हमने पहले विस्तार से स्पष्ट किया है। वेदवाक्य प्रमाण हैं क्यों कि आयुर्वेद के समान वेदवाक्य भी अन्य प्रमाणों से बाधित नही होते – यह मीमांसकों का अनुमान है। किन्तु यह उचित नही। 'आत्मा से आंकाश उत्पन्न हुआ' आदि वेदवाक्यों को नैयायिक बाधित समझते हैं। ' उस के चक्षु सर्वत्र हैं' आदि वेदवाक्यों को वेदान्ती बाधित मानते हैं। मीमांसक इन दोनों को गलत कहते हैं। कुछ वाक्य तो सब को अमान्य होने जैसे हैं, जैसे कि - ' तंबी डबती है, पत्थर तैरते हैं, अन्धे ने मणि को बींधा, विना उंगली के उस में डोरा डाला, देवों की गायें उलटी बहती हैं ' आदि १ जैनैः । २ ईश्वर । ३ वेदवाक्यानाम् । ४ नैयायिकवेदांत्योः । ५ प्रोतवान् ।।
SR No.022461
Book TitleVishva Tattva Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh
Publication Year1964
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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