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________________ उदयपुर नगर में हाथीपोल श्री जैन धर्मशाला के नूतन जिन मन्दिर में मूल नायक श्रीवासुपूज्य स्वामी की तथा दो श्री पार्श्वनाथ जिन बिम्बों को प्रतिष्ठा। (२६) वि० सं० २०३० वैशाख शुक्ला-७ शिवगंज (मारवाड़) राजस्थान । शिवगंज नगर में श्रीमान संतुष्टिनामक श्री मुनिसुव्रतस्वामी जिन प्रसाद में श्री शंखेश्वर-जीरावला-अंतरीक्ष-नागेश्वरचिन्तामरिण-पार्श्वनाथ जिनबिम्बों की, श्री पुंडरीकस्वामी तथा श्रीसुधर्मास्वामी की एवं श्री पद्मावतीदेवी की प्रतिष्ठा। (२७) वि० सं० २०३० ज्येष्ठ (वैशाख) कृष्णा-२ जावाल (मारवाड़) राजस्थान । जावाल ग्राम की अम्बाजी की वाड़ी में मूल नायक श्री ऋषभदेव जिन मन्दिर के शिखर पर नूतन दण्ड धजा सहित चढाये। शासन् सम्राट् गुरु मन्दिर में स्व० प० पू० प्रा० श्रीमदविजयोदयसूरीश्वरजी म. सा. की मूत्ति, स्त्र. प. प० प्रा० श्री मदविजयलावण्यसूरीश्वरजी म० सा० की मूत्ति, तथा स्व० पू० मुनिराज श्री चन्द्रप्रभविजयजी म. सा. की मूत्ति इन तीनों मूत्तियों को प्रतिष्ठा। (२८) वि० सं० २०३० आषाढ (ज्येष्ठ) कृष्णा -७ । खीमेल (मारवाड़) राजस्थान । खीमेल ग्राम में श्री शान्तिनाथ जिन मन्दिर में शासनदेवी श्री चक्रेश्वरीदेवी की प्रतिष्ठा ।
SR No.022428
Book TitleShaddarshan Darpanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherGyanopasak Samiti
Publication Year1976
Total Pages174
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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